भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्की का युद्धपोत कराची पहुंचा। क्या यह सैन्य मदद का संकेत है? जानें इस घटनाक्रम का महत्व और भारत पर इसका क्या असर होगा।

India Pakistan Tensions: पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे समय में तुर्की साफ-साफ पाकिस्तान की सैन्य मदद करता दिख रहा है। तुर्की नौसेना का युद्धपोत टीसीजी बुयुकाडा रविवार को कराची बंदरगाह पहुंचा। इससे कुछ ही दिन पहले तुर्की वायु सेना का C-130 विमान कराची में उतरा था। तुर्की के युद्धपोत के 7 मई तक कराची में खड़े रहने की उम्मीद है। इस युद्धपोत का आना तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नेजीरोग्लू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हुई बैठक के बाद हुआ है। राजदूत ने पाकिस्तान के साथ तुर्की की एकजुटता की पुष्टि की थी।

कराची क्यों आया तुर्की का कॉर्वेट?

पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि तुर्की का कॉर्वेट कराची पोर्ट पर दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग मजबूत करने आया है। यात्रा का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ाना है। तुर्की के अधिकारियों ने भी इस यात्रा को सद्भावनापूर्ण कदम बताया है। हालांकि युद्धपोत के आने के समय को लेकर जानकार चिंता व्यक्त कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि तुर्की पाकिस्तान को सैन्य मदद दे रहा है।

तुर्की के युद्धपोत टीसीजी बुयुकाडा के बारे में खास बातें

टीसीजी बुयुकाडा तुर्की नौसेना द्वारा चलाए जा रहे पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) कोरवेट की एडा-क्लास श्रृंखला का दूसरा जहाज है। इसे 2013 में तुर्की की नौसेना में शामिल किया गया था। इन जहाजों को समुद्र की सतह पर होने वाली लड़ाई, पनडुब्बी के खिलाफ जंग और गश्ती मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। टीसीजी बुयुकाडा को आधुनिक रडार सिस्टम, 76mm नेवल गन, एंटी शिप मिसाइल और टारपीडो लॉन्चर से लैस किया गया है। इसमें एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग पैड और हैंगर भी है। यह कोर्वेट खुले समुद्र में भी काम कर सकता है।

क्या भारतीय नौसेना को होनी चाहिए चिंता?

तुर्की का युद्धपोत ऐसे समय में कराची पहुंचा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इंडियन नेवी के युद्धपोत भारत की समुद्री सीमा की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में किसी दूसरे देश के युद्धपोत के पाकिस्तान पहुंचने पर इंडियन नेवी की नजर है। तुर्की का जो कॉर्वेट कराची पहुंचा है उसे पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अपने रेंज में आने वाली पनडुब्बी की जानकारी पाकिस्तान को दे सकता है। इस बात की भी संभावना है कि यह इंडियन नेवी के बारे में जानकारी मिलने पर पाकिस्तान को देगा। 

तुर्की और पाकिस्तान के बीच है पुराना रक्षा संबंध

तुर्की और पाकिस्तान के बीच पुराना रक्षा संबंध है। दोनों देशों ने हाल ही में अतातुर्क-XIII नाम का संयुक्त अभ्यास किया है। इसमें दोनों देशों की सेनाओं ने अंतर-संचालन पर केंद्रित संयुक्त अभ्यास किया। 2022 में पाकिस्तान ने चार MİLGEM-क्लास कोरवेट के सह-उत्पादन के लिए तुर्की के साथ समझौते पर साइन किया था। दो जहाजों का निर्माण इस्तांबुल में और अन्य दो का निर्माण कराची शिपयार्ड में किया जाना है। इनमें से एक पीएनएस बाबर का निर्माण पूरा हो चुका है। कराची पहुंचने से पहले टीसीजी बुयुकाडा ने अपनी क्षेत्रीय तैनाती के तहत ओमान और मलेशिया का दौरा किया। तुर्की के अधिकारियों ने कहा है कि यह तैनाती नियमित है और व्यापक समुद्री पहुंच का हिस्सा है।