सार

Canada Federal Election 2025 में खालिस्तान समर्थक Jagmeet Singh की हार और NDP का पतन भारत-कनाडा के संबंधों को रीसेट करने का मौका। जानें क्यों Jagmeet की हार भारत के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।

Jagmeet Singh Canada Election 2025: कनाडा में हुए फेडरल चुनाव 2025 (Canada Federal Election 2025) का रिजल्ट भारत में सेलिब्रेट किया जा रहा है। डिप्लोमैटिक लेवल पर कनाडाई नेता जगमीत सिंह की हार को भारत के लिए खुश करने वाली खबर बतायी जा रही है। जगमीत सिंह की हार के बाद यह उम्मीद जतायी जा रही है कि भारत-कनाडा के संबंधों में सुधार आएगी साथ ही खालिस्तानी आंदोलन की धार मंद पड़ेगी।

पहले जानें कौन हैं जगमीत सिंह?

जगमीत सिंह, भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हैं। खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह, कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता हैं। इस बार हुए चुनाव में जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) को उनकी परंपरागत सीट बर्नाबी सेंट्रल (Burnaby Central) से हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें लिबरल पार्टी (Liberal Party) के उम्मीदवार वेड चांग (Wade Chang) ने हरा दिया।

NDP की बुरी हार और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म

NDP, जिसे चुनाव से पहले 'किंगमेकर' माना जा रहा था, इस बार सिर्फ 7 सीटें जीत सकी। इस हार के बाद एनडीपी, कैनेडियन हाउस ऑफ कॉमन्स (Canadian House of Commons) में राष्ट्रीय पार्टी (National Party) का दर्जा भी गंवा बैठी। कनाडा में राष्ट्रीय दर्जा बनाए रखने के लिए कम से कम 12 सीटें जरूरी होती हैं।

जगमीत सिंह ने दिया इस्तीफा

इलेक्शन रिजल्ट आने के कुछ घंटों बाद ही 46 वर्षीय जगमीत सिंह ने पार्टी नेतृत्व से इस्तीफा दे दिया। सिंह ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सम्मान था लेकिन आज निराशा है कि हम और सीटें नहीं जीत सके।

भारत के लिए क्यों राहत की बात?

विशेषज्ञों के अनुसार, जगमीत सिंह की हार और एनडीपी के पतन से भारत और कनाडा के बीच पिछले दो सालों से जमी कूटनीतिक बर्फ अब पिघल सकती है। साल 2023 में हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के बाद जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) और जगमीत सिंह दोनों ने बिना सबूत भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे कि भारतीय एजेंट इस हत्या में शामिल थे। भारत ने इन आरोपों को बिलकुल झूठा और बेबुनियाद बताया था। विशेषज्ञों का मानना है कि जगमीत सिंह की हार से एक ऐसा शख्स राजनीतिक दृश्य से बाहर हुआ है जिसने बार-बार भारत के खिलाफ ज़हरीली बयानबाज़ी की, यहां तक कि RSS और BJP को बैन करने की मांग तक उठाई।

भारतीय प्रतिक्रिया और खुफिया रिपोर्ट

भारत ने शुरू से ही कहा था कि कनाडा ने आज तक एक भी सबूत साझा नहीं किया। जनवरी 2025 में एक कनाडाई कमीशन की रिपोर्ट ने भारत के रुख को सही ठहराते हुए कहा कि किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।

नए पीएम मार्क कार्नी से रिश्तों की नई राह

कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Mark Carney) की जीत के साथ यह उम्मीद की जा रही है कि अब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade), जो 2023 में $9 बिलियन था, फिर से पटरी पर लौटेगा।