सार
India Pakistan Tension: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दिया। पाकिस्तान के कई नेताओं ने पानी रोके जाने पर लड़ाई की धमकी दी है। परमाणु हमले तक की बातें कहीं गईं हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि पहलगाम घटना से उपजा विवाद दोनों देशों के बीच एक बड़े संघर्ष में बदल सकता है। पाकिस्तान भारत द्वारा उठाए गए किसी भी कदम का उचित जवाब देगा। इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं।
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर किसका कंट्रोल है?
भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई का मंडराता खतरा पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के नियंत्रण के बारे में संवेदनशील सवाल उठाता है। पाकिस्तान में परमाणु हथियार नियंत्रण राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित शीर्ष नेतृत्व के पास है। इसकी निगरानी परमाणु कमान और नियंत्रण प्रणाली (NCCS) द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अंतिम फैसला लेते हैं। हथियारों की सुरक्षा और लॉन्च करने की जिम्मेदार सेना के पास है।
कब शुरू हुआ था पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम?
भारत ने अपना परमाणु कार्यक्रम 1970 में शुरू किया था। भारत ने 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया था। पाकिस्तान ने क्यूबा और चीन की तकनीकी सहायता से 1998 में पहला परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों में लगातार वृद्धि हुई है।
कौन तय करता है पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा?
पाकिस्तान के राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (NCA) को अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। एनसीए में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष और अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। ये पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की तैनाती, इस्तेमाल और सुरक्षा का देखरेख करते हैं।
भारत और पाकिस्तान के पास हैं कितने परमाणु हथियार
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) की रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास करीब 180 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं।
क्या है पाकिस्तान की परमाणु नीति?
पाकिस्तान परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का सदस्य नहीं है। इसने पहले परमाणु हथियार इस्तेमाल न करने की नीति घोषित नहीं की है। यह अपने परमाणु हथियारों को मिसाइलों से अलग रखता है। पाकिस्तान ने कई मौकों पर संकेत दिया है कि अगर उस पर हमला होता है तो वह अपने बचाव के लिए अपने पास मौजूद किसी भी हथियार का इस्तेमाल करेगा, भले ही भारत पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न करे।