अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया। जानिए इस घातक मिसाइल की खासियतें और भारत के पास मौजूद विकल्प क्या हैं।

Israel Iran Conflict: 10 दिन से इजरायल और ईरान के बीच चल रही लड़ाई में रविवार को अमेरिका भी कूद पड़ा। उसने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला किया। अमेरिकी एयरफोर्स ने ईरान के फोर्डो परमाणु स्थल पर B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से छह बड़े 30,000 पाउंड के 'बंकर बस्टर' बम गिराए। वहीं, दो अन्य परमाणु केंद्रों पर 30 टॉमहॉक मिसाइलों से अटैक किया गया। ये मिसाइल करीब 640km दूर मौजूद अमेरिकी पनडुब्बियों से लॉन्च किए गए। आइए जानते हैं टॉमहॉक मिसाइल के बारे में खास बातें...

टॉमहॉक मिसाइल क्या है?

टॉमहॉक लैंड अटैक मिसाइल (TLAM) एक लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे अमेरिकी नौसेना इस्तेमाल करती है। इस मिसाइल को युद्धपोत और पनडुब्बी दोनों से लॉन्च किया जा सकता है। इससे अमेरिकी नौसेना जमीन और समुद्र के सतह पर मौजूद टारगेट पर अटैक करती है। इस मिसाइल को पहली बार लड़ाई में 1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया था।

प्रत्येक मिसाइल की कीमत करीब 2 मिलियन डॉलर (17 करोड़ रुपए) है। इसकी लंबाई 18.3 फीट और वजन 1451kg है। यह अपने साथ 453kg विस्फोटक ले जाता है। टॉमहॉक मिसाइल की रफ्तार 885km/h और रेंज 1,550-2,500 किलोमीटर है। यह 10 मीटर के भीतर तक सटीकता से अपने टारगेट पर अटैक करता है।

क्या भारत के पास है टॉमहॉक जैसा मिसाइल?

भारत के पास टॉमहॉक जैसा काम करने के लिए दो मिसाइल हैं। पहला है ब्रह्मोस। यह रफ्तार और रडार की पकड़ में नहीं आने के मामले में टॉमहॉक से आगे है। टॉमहॉक सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। वहीं, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। बहुत अधिक तेज रफ्तार, कम ऊंचाई पर उड़ने और दिशा बदलने के चलते ब्रह्मोस को रडार से देख पाना और एयर डिफेंस सिस्टम से रोक पाना मुश्किल है। ब्रह्मोस का रेंज टॉमहॉक से कम है। टॉमहॉक जहां 2,500km तक मार कर सकता है, इस समय ब्रह्मोस का रेंज करीब 500km तक है।

लंबी दूरी तक मार करने के लिए भारत के पास निर्भय नाम का क्रूज मिसाइल है। यह टॉमहॉक की तरह सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसका रेंज 1000km है। इसकी मदद से परमाणु हमला तक किया जा सकता है।