सार

अमेरिका, कनाडा को फाइव आईज से निकालने पर विचार कर रहा है। क्या आप्रवासन नीतियों पर मतभेद इसकी वजह है? जानिए इस गठबंधन और भारत से इसके संबंध के बारे में।

Five Eyes: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सत्ता संभालने के बाद अमेरिका अपने पुराने सहयोगियों के साथ बदला-बदला सा व्यवहार कर रहा है। उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस द्वारा ब्रिटेन को दुनिया का पहला "असली इस्लामवादी देश" बताया था जिसके पास परमाणु हथियार हैं। उन्होंने यह बयान यूके में आप्रवासी मुस्लिम आबादी बढ़ने को लेकर दिया था। TOI की रिपोर्ट के अनुसार अब पीटर नवारो ने कनाडा को खुफिया जानकारी शेयर करने वाले नेटवर्क फाइव आईज से निकालने की धमकी दी है। इससे साफ संकेत मिल रहा है कि अगर आप्रवासन को कम करने को लेकर काम नहीं हुआ तो ट्रंप सरकार अपने सहयोगियों को छोड़ने के लिए तैयार है।

ट्रंप ने पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को सार्वजनिक रूप से 'गवर्नर ट्रूडो' कहकर ट्रोल किया था। अब उनके सलाहकार पीटर नवारो ने कनाडा को फाइव आईज इंटेलिजेंस नेटवर्क से बाहर करने का प्रस्ताव दिया है। इस नेटवर्क में अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। पांचों देश अपनी खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाए गई जानकारियों को एक-दूसरे से शेयर करते हैं।

फाइव आईज एलायंस क्या है?

फाइव आईज (FVEY) गठबंधन वैश्विक खुफिया जानकारी का एक जटिल जाल है। पांच अंग्रेजी बोलने वाले देशों से मिलकर बने इस शक्तिशाली खुफिया गठबंधन ने निगरानी और सूचना शेयर करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने मिलकर फाइव आईज गठबंधन नाम का खुफिया नेटवर्क तैयार किया था।

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भारत से क्या है फाइव आईज का नाता?

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए तब फाइव आईज चर्चा में आया था। कनाडा सरकार ने बताया था कि उसे निज्जर हत्याकांड के बारे में खुफिया जानकारी फाइव आइज इंटेलिजेंस अलायंस (Five Eyes Intelligence Alliance) के एक सदस्य देश से मिली है। अमेरिका और कनाडा ने अमेरिका में सिख कट्टरपंथियों के खिलाफ कथित ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ऑपरेशन को लेकर भारत को घेरने के लिए मिलकर काम किया था।

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