Kerala Nurse Nimisha Priya: यमन की राजधानी सना के जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई 2025 को मौत की सजा दी जानी थी। यह एक दिन के लिए टल गई है। अभी निमिषा को मिलने वाली सजा स्थगित नहीं हुई है, सिर्फ अस्थायी रूप से टली है। निमिषा को अपने पूर्व यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में सजा सुनाई गई है।

अब निमिषा की जान बचने की एकमात्र उम्मीद महदी का परिवार है। अगर महदी का परिवार माफ कर दे तो निमिषा मौत की सजा से बच सकतीं हैं। इसके लिए यमन के कानून में ब्लड मनी का प्रावधान है। इसमें पीड़ित परिजन आर्थिक मुआवजा स्वीकार करते हैं। बदले में दोषी मौत की सजा से बच जाता है।

क्या है ब्लड मनी?

इस्लामी शरिया कानून के तहत, जिस व्यक्ति की हत्या हुई उसका परिवार मुआवजे के बदले अपराधी को माफ कर सकता है। इसे दीयाह कहा जाता है। दीयाह को ब्लड मनी भी कहते हैं। ब्लड मनी प्रावधान को यमन, सऊदी अरब, ईरान और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों में मान्यता प्राप्त है।

ब्लड मनी के लिए निमिषा प्रिया के परिवार और समर्थकों ने कितने पैसे जुटाए?

BBC की रिपोर्ट के अनुसार ब्लड मनी देने के लिए निमिषा प्रिया के परिवार के लोगों और समर्थकों ने 10 लाख डॉलर (85,809,000 रुपए) जुटाए हैं। इसे महदी के परिवार को ऑफर किया है। वहीं, Financial Express की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब के एक ट्रस्ट ने निमिषा प्रिया को बचाने के लिए 11 करोड़ रुपए देने की पेशकश की है।

महदी के परिवार के साथ चल रही बातचीत

निमिषा प्रिया को बचाने के लिए सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन और दूसरे संगठन व लोगों द्वारा कोशिश की जा रही है। भारत सरकार भी निमिषा को बचाने में लगी है। महदी के परिवार के साथ बातचीत चल रही है। उन्हें ब्लड मनी लेने के लिए मनाया जा रहा है। यमन के साथ भारत के औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, इसके चलते सरकार के लिए सीधे काम करना मुश्किल है।

क्या है निमिषा प्रिया केस?

बता दें कि केरल की निमिषा प्रिया 2011 में नर्स के रूप में काम करने यमन गईं थीं। बाद में उन्होंने यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर प्राइवेट क्लिनिक खोला था। महदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था। उसे प्रताड़ित कर रहा था। 2017 में भारत लौटने के लिए निमिषा ने महदी को बेहोश कर पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश की, लेकिन दवा का डोज अधिक होने से महदी की मौत हो गई। इस मामले में 2020 में यमन की कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई। 2024 में यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने उनकी मौत की सजा को मंजूरी दी।