सार
Ukraine-US Rare Earth Deal: अमेरिका और यूक्रेन के बीच Rare Earth Minerals पर हुआ नया समझौता, लेकिन नहीं मिली कोई सुरक्षा गारंटी। ट्रंप ने $500 अरब का मुआवजा मांगा, यूक्रेन को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और निवेश मिलेगा पर NATO एंट्री से इंकार।
Ukraine-US Rare Earth Deal: अमेरिका और यूक्रेन के बीच धरती के नीचे दबे दुलर्भ खनिज और ऊर्जा संसाधनों को लेकर एक नया समझौता हुआ है। हालांकि, इस बिजनेस डील के बावजूद अमेरिका ने यूक्रेन को किसी तरह की सिक्योरिटी गारंटी देने से इनकार कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने युद्ध में दी गई मदद के बदले $500 अरब का मुआवजा मांगा जिसे ज़ेलेंस्की ने ठुकरा दिया।
न सिक्योरिटी गांरटी न मुआवजा फिर भी डील पक्की
वॉशिंगटन और कीव के बीच हुए इस समझौते के तहत अमेरिका यूक्रेन के Rare Earth Deposits और ऊर्जा संसाधनों में निवेश करेगा। लेकिन इसमें न तो किसी प्रकार की Security Guarantee दी गई है और न ही NATO सदस्यता का कोई जिक्र है। ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन की सुरक्षा के लिए किसी अमेरिकी सैन्य मौजूदगी की बात से साफ इनकार कर दिया है। इस समझौते से पहले ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच विवाद हुआ। ट्रंप ने रूस के फरवरी 2022 हमले के बाद बाइडेन प्रशासन द्वारा दी गई $120 अरब की मदद के बदले $500 अरब के मुआवजे की मांग रखी। लेकिन राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कर्ज दस पीढ़ियों तक यूक्रेन पर भारी पड़ेगा।
अमेरिका और यूक्रेन प्रॉफिट का आधा-आधा लेंगे
इस समझौते के तहत एक Reconstruction Investment Fund बनाया जाएगा जिसमें अमेरिका और यूक्रेन दोनों की बराबर की हिस्सेदारी होगी। यह फंड अगले 10 वर्षों तक केवल यूक्रेन में Mineral, Oil, Gas और Infrastructure Projects में निवेश करेगा। उसके बाद मुनाफे को दोनों देशों के बीच बांटा जा सकता है।
यूक्रेनी प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने कहा कि यूक्रेन अपने खनिज, संसाधनों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखेगा। साथ ही, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने बताया कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर इस डील का अहम हिस्सा है।
यूक्रेन के पास क्या संसाधन हैं?
यूक्रेन के पास दुनिया के कुल Rare Earth Minerals का करीब 5% हिस्सा है। इसके अलावा यह देश 20% Graphite का उत्पादक है जो EV बैटरियों के लिए जरूरी है। यूक्रेन के पास यूरोप का सबसे बड़ा Lithium Reserve भी है, जिसे अब तक निकाला नहीं गया है।
NATO से दूरी लेकिन आर्थिक भागीदारी
इस डील में अमेरिका ने सिर्फ इतना कहा है कि वह यूक्रेन के सुरक्षा आश्वासन की दिशा में प्रयासों का समर्थन करता है लेकिन खुद कोई गारंटी नहीं देता। हथियार या सैन्य सहायता पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया।
हालांकि, अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने इसे रूस के खिलाफ एक आर्थिक सिग्नल बताया और कहा कि अमेरिका को अब यूक्रेन में निवेश से लाभ मिलेगा।
क्या यह डील यूक्रेन के लिए फायदेमंद है?
विश्लेषकों के मुताबिक, यह समझौता आर्थिक रूप से यूक्रेन के लिए बड़ा अवसर हो सकता है लेकिन रूस के खतरे से सुरक्षा की कोई पुख्ता गारंटी न होना चिंता का विषय है। यह डील भले ही टेक्नोलॉजी और इनोवेशन लाए, लेकिन जमीनी स्तर पर यह एक Strategic Security Vacuum भी बना सकती है।