सार
B-2 Bombers: दुनिया का ध्यान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ पर था इस बीच अमेरिका ने चुपचाप हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाई है। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि हिंद महासागर में स्थित अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य अड्डा डिएगो गार्सिया पर बी-2 स्टेल्थ बमवर्षकों की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती की गई है। यहां कम से कम छह विमान रनवे के किनारे खड़े दिखे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार राडार-प्रूफ शेल्टर्स में और भी विमान रखे गए हो सकते हैं।
दुनिया का सबसे एडवांस स्ट्रेटेजिक बॉम्बर है B-2
B-2 दुनिया का सबसे एडवांस स्ट्रेटेजिक बॉम्बर है। अमेरिकी सेना के पास ऐसे 20 विमान हैं। अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एयरक्राफ्ट कैरियर की मौजूदगी बढ़ाई है। USS Harry S. Truman अरब सागर में बना हुआ है। USS Carl Vinson मध्य पूर्व की ओर बढ़ रहा है। USS Nimitz दक्षिण चीन सागर की ओर बढ़ रहा है।
NDTV की एक रिपोर्ट में पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल के हवाले से बताया गया कि रक्षा सचिव पीटर हेगसेथ ने "अतिरिक्त स्क्वाड्रनों और अन्य एयर एसेट्स की तैनाती का आदेश दिया है। यह हमारी डिफेंस एयर सपोर्ट क्षमताओं को मजबूत करेगा।"
पार्नेल ने कहा, "ऐसा क्षेत्र में अमेरिका की रक्षात्मक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए किया गया है। हम संघर्ष को बढ़ाने या बढ़ाने की कोशिश करने वाले किसी भी स्टेट या नॉन-स्टेट-एक्टर्स का जवाब देने के लिए तैयार हैं।"
अमेरिका ने ईरान, चीन और रूस को दिया
अमेरिका ने प्रत्यक्ष खतरे का नाम नहीं लिया है, लेकिन विश्लेषक इसे ईरान और यमन में हौथियों से बढ़ती शत्रुता की ओर इशारा करते हैं। हौथियों को तेहरान का समर्थन मिला हुआ है। हौथियों ने अमेरिकी नौसेना की संपत्तियों को निशाना बनाया है। इसपर ट्रंप ने चेतावनी दी, "अमेरिकी जहाजों पर फायरिंग बंद करो हम तुम पर गोलीबारी बंद कर देंगे। अगर नहीं तो हमने अभी शुरुआत ही की है। हौथियों और ईरान में उनके प्रायोजकों दोनों को असली दर्द होना अभी बाकी है।"
हालांकि, B-2 की बड़े पैमाने पर तैनाती से पता चलता है कि यह सिर्फ हौथियों के लिए नहीं है। प्रत्येक B-2 विमान अपने साथ 40,000 पाउंड (18143 किलो) हथियार लेकर उड़ता है। जानकारों का मानना है कि अमेरिका खुद को बड़े ऑपरेशन के लिए तैयार कर रहा है। यह ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला भी हो सकता है।
यह कदम क्षेत्र में ईरान के सहयोगी चीन और रूस को भी संकेत देता है। दक्षिण चीन सागर के पास USS Nimitz की तैनाती को बीजिंग के लिए संदेश के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, USS Carl Vinson का मध्य पूर्व की ओर रुख करना मास्को के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।