सार

डोनाल्ड ट्रंप कुछ ही घंटों में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। प्रतिकूल मौसम के कारण समारोह कैपिटल भवन के अंदर होगा। शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप चीन का दौरा भी कर सकते हैं।

US 47th President oath: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने वाले हैं। कुछ ही घंटों में वह पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। यूएस प्रेसिडेंट का शपथ ग्रहण समारोह, भारतीय समयानुसार रात साढ़े दस बजे शुरू होगा। प्रतिकूल मौसम के कारण, 1985 के बाद पहली बार कैपिटल भवन के अंदर समारोह आयोजित किया जाएगा।

शपथ ग्रहण समारोह को अमेरिकी मीडिया सहित दुनिया के तमाम चैनल्स लाइव टेलीकॉस्ट करेंगे। हालांकि, व्हाइट हाउस भी इस कार्यक्रम का लाइव करेगा। प्रतिकूल मौसम के कारण, 1985 के बाद पहली बार कैपिटल भवन के अंदर समारोह आयोजित किया जा रहा।

कई वर्ल्ड लीडर्स पहुंचे शपथ में शामिल होने के लिए

ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कई वर्ल्ड अमेरिका पहुंचे हैं। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वाशिंगटन में मौजूद हैं।

शपथ के पहले विक्ट्री रैली की चर्चा

शपथ ग्रहण से पहले वाशिंगटन में ट्रंप ने रैली की। उन्होंने कहा कि उनके चुने जाने के कारण ही इज़राइल-हमास शांति समझौता हुआ। आज शपथ लेने के बाद ट्रंप शुक्रवार को लॉस एंजिल्स के आग प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। ट्रंप ने कहा कि बाइडेन सरकार के कई नियमों को कार्यकारी आदेशों के माध्यम से वापस लिया जाएगा। टिक टॉक को बचाने वाला आदेश भी जारी किया जाएगा।

प्रेसिडेंट बनने के बाद पहला दौरा चीन का करेंगे ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर वापसी के बाद डोनाल्ड ट्रंप चीन का दौरा कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण के पहले 100 दिनों के भीतर वह चीन का दौरा करेंगे। खबर है कि ट्रंप ने अपने सलाहकारों से कहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए शपथ ग्रहण के बाद चीन जाना चाहिए।

ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले शुक्रवार को फोन पर बात की थी। दोनों ने व्यापार, फेंटेनाइल, टिक टॉक सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। सोमवार को होने वाले ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में चीनी राष्ट्रपति को भी आमंत्रित किया गया है। शी जिनपिंग की जगह चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग अमेरिका आ रहे हैं। यह पहली बार है जब कोई वरिष्ठ चीनी अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो रहा है। चीनी नेता कभी भी विदेशी नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होते हैं। इसीलिए उपराष्ट्रपति को भेजने का फैसला लिया गया।

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