सार

Womb Transplant UK Baby: Grace Davidson बनीं UK की पहली महिला जिनके गर्भाशय प्रत्यारोपण (Womb Transplant) के बाद बच्ची का जन्म हुआ। जानें इस मेडिकल चमत्कार की पूरी कहानी, संघर्ष, और वैज्ञानिक सफलता का सफर।

 

Womb Transplant UK Baby: ब्रिटेन में पहली बार गर्भाशय प्रत्यारोपण (Womb Transplant UK) से एक बच्ची का जन्म हुआ है। नॉर्थ लंदन की रहने वाली 36 वर्षीय NHS डाइटिशियन ग्रेस डेविडसन (Grace Davidson) ने इस असंभव को संभव कर दिखाया, जब फरवरी 2024 में उन्होंने एक बच्ची, एमी इसाबेल (Amy Isabel), को जन्म दिया।

ग्रेस को यह गर्भाशय उनकी 42 वर्षीय बहन एमी पुर्डी (Amy Purdie) ने दान में दिया था। यह ट्रांसप्लांट 2023 में हुआ था और अब यह अद्भुत मेडिकल उपलब्धि IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए जन्मी बच्ची के साथ दुनिया के सामने आई है।

गर्भाशय नहीं था लेकिन मां बनने का सपना था ज़िंदा

ग्रेस डेविडसन Mayer-Rokitansky-Kuster-Hauser (MRKH) नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थीं, जो लगभग हर 5,000 में से एक महिला को होती है। इस स्थिति में गर्भाशय या तो विकसित नहीं होता या पूरी तरह अनुपस्थित होता है। हालांकि, उनके अंडाशय पूरी तरह कार्यशील थे जिससे IVF की मदद से मां बनने की संभावना बनी रही। ग्रेस और उनके पति एंगस (Angus) ने IVF के जरिए 7 भ्रूण तैयार किए थे और फिर सफल प्रत्यारोपण के बाद एक भ्रूण को उनके शरीर में स्थापित किया गया।

नन्हीं एमी का आगमन और ‘कंप्लीट फैमिली’ का सपना पूरा

27 फरवरी 2024 को क्वीन शार्लट्स एंड चेल्सी हॉस्पिटल, लंदन (Queen Charlotte’s and Chelsea Hospital) में नन्हीं एमी का जन्म एक प्लांड C-सेक्शन के जरिए हुआ। बच्ची का वजन 4.5 पाउंड था। जन्म के कुछ दिनों तक उसे जॉन्डिस और लाइट थेरेपी की ज़रूरत पड़ी लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। ग्रेस ने मीडिया से कहा कि पहली बार अपनी बेटी को गोद में लेकर यकीन ही नहीं हुआ कि यह सपना सच हो गया है। हमारी ज़िंदगी अब पूरी लग रही है।

परिवार, डॉक्टर और वैज्ञानिक—सभी के लिए था यह एक इमोशनल मोमेंट

इस ऐतिहासिक डिलीवरी के समय ऑपरेशन थिएटर में प्रोफेसर रिचर्ड स्मिथ और डॉक्टर इसाबेल कीरोगा मौजूद थे। इन्होंने UK में गर्भाशय प्रत्यारोपण को संभव बनाया। बच्ची का मिडल नेम ‘इसाबेल’ इन्हीं डॉक्टर के सम्मान में रखा गया। प्रोफेसर स्मिथ ने कहा कि 25 साल की रिसर्च के बाद यह पहला बच्चा है जो इस प्रक्रिया से जन्मा है। यह एक वैज्ञानिक और मानवीय विजय है।

एंगस और ग्रेस की इमोशनल जर्नी

ग्रेस और एंगस ने 10 साल से मां-बाप बनने की कोशिश की थी। एंगस ने बताया कि जब एमी का जन्म हुआ तो हमारी आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। वह पल, जब हमने अपनी बेटी को पहली बार देखा, कभी नहीं भूल सकते।

विज्ञान और भावना का संगम

यह कहानी केवल एक मेडिकल ब्रेकथ्रू नहीं है बल्कि एक महिला की अदम्य इच्छाशक्ति और परिवार के प्रेम की कहानी भी है। एमी पुर्डी, जिन्होंने अपनी बहन को गर्भाशय दान किया ने कहा कि यह निर्णय बहुत स्वाभाविक था। हमारी बहन को मां बनते देखना किसी भी इनाम से बढ़कर है।

अभी और बच्चों की उम्मीद

ग्रेस और एंगस ने यह भी बताया कि वे भविष्य में दूसरा बच्चा चाहते हैं। वहीं, डॉक्टरों की टीम अब दो और प्रत्यारोपण करने की योजना बना रही है, जिसके लिए फंडिंग की जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री का बयान: भविष्य में NHS पर संभव है गर्भाशय ट्रांसप्लांट

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री वेस स्ट्रीटिंग ने इस घटना को एक मेडिकल चमत्कार बताया और कहा कि भविष्य में NHS (UK National Health Service) के तहत इस प्रक्रिया को शामिल किया जा सकता है।