Iran Israel war: अमेरिकी खुफिया प्रमुख Tulsi Gabbard और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच ईरान के परमाणु हथियार को लेकर टकराव। 'फर्जी खबर' कह Gabbard ने दी सफाई, कहा- Iran nuclear weapon within weeks to months। जानें पूरी डिप्लोमैटिक खींचतान।

Tulsi Gabbard Vs Trump on Iran: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध संकट (Iran-Israel Conflict) के बीच अमेरिका की आंतरिक खुफिया और राजनीतिक रणनीति में बड़ा टकराव (US Intelligence Rift) सामने आया है। नेशनल इंटेलीजेंस निदेशक (Director of National Intelligence) तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच ईरान के परमाणु हथियार (Iran Nuclear Weapon) को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।

गबार्ड ने कहा- मेरी बात को गलत ढंग से पेश किया गया

शनिवार को X (पूर्व Twitter) पर गबार्ड ने लिखा: डिशोनेस्ट मीडिया मेरे बयान को जानबूझकर गलत तरीके से पेश कर रही है। अमेरिका के पास खुफिया जानकारी है कि अगर ईरान चाहे तो वह हफ्तों से महीनों में परमाणु हथियार तैयार कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने बिल्कुल सही कहा है कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा और मैं उनसे सहमत हूं।

मार्च में कहा था: ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा

हालांकि, इससे पहले मार्च में तुलसी गबार्ड ने कांग्रेस में गवाही दी थी कि इंटेलिजेंस कम्युनिटी का आकलन है कि ईरान फिलहाल कोई न्यूक्लियर हथियार नहीं बना रहा।

ट्रंप का तीखा जवाब: ‘वो गलत हैं’

शुक्रवार को ट्रंप ने गबार्ड के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा: वो गलत हैं। यह इस हफ्ते दूसरी बार है जब ट्रंप ने अपनी खुफिया प्रमुख की सार्वजनिक रूप से आलोचना की। सोमवार को भी उन्होंने कहा था: मुझे फर्क नहीं पड़ता वो क्या कहती हैं।

व्हाइट हाउस में बढ़ता असंतोष, गबार्ड को कर दिया गया साइडलाइन

बताया जा रहा कि व्हाइट हाउस के भीतर ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर हो रही स्ट्रेटेजिक मीटिंग्स में तुलसी गबार्ड को दरकिनार (Sidelined) कर दिया गया है। यह संकेत है कि ट्रंप प्रशासन अब तेहरान को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की लाइन पर चल रहा है जिन्होंने ईरान को तत्काल खतरा बताया है।

जमीन पर क्या कहती है खुफिया रिपोर्ट?

Reuters को मिली जानकारी के मुताबिक, गबार्ड द्वारा मार्च में दी गई जानकारी अभी भी खुफिया समुदाय की आधिकारिक लाइन है। यदि ईरान अब अंतिम असेंबली की दिशा में बढ़े तो उसे पूरी तरह ऑपरेशनल न्यूक्लियर वॉरहेड बनाने में लगभग तीन साल लगेंगे।