सीरिया के होम्स शहर में जुमे की नमाज के दौरान एक मस्जिद में बम धमाका हुआ, जिसमें 8 लोगों की मौत और 18 घायल हो गए। धमाका मस्जिद के अंदर लगाए गए विस्फोटक से हुआ। इलाके में दहशत है, सुरक्षा बढ़ाई गई और जांच जारी है।
दमिश्क/नई दिल्ली। सीरिया के होम्स शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान एक मस्जिद में जोरदार बम ब्लास्ट हुआ। इस धमाके में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 18 लोग घायल हुए हैं। यह धमाका एक साल पहले इस्लामी अधिकारियों के सत्ता संभालने के बाद से किसी भी पूजा स्थल पर हुआ दूसरा धमाका है। इससे पहले जून 2025 में दमिश्क के एक चर्च में हुए आत्मघाती बम धमाके में 25 लोग मारे गए थे।
होम्स की ‘इमाम अली बिन अबी तालिब’ मस्जिद में बम ब्लास्ट
सरकारी समाचार एजेंसी SANA ने होम्स शहर के वादी अल-दहाब इलाके में ‘इमाम अली बिन अबी तालिब’ मस्जिद के अंदर एक धमाके की खबर दी। वहीं, सीरिया के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, एक आतंकवादी धमाके में शुक्रवार की नमाज के दौरान मस्जिद को निशाना बनाया गया। सीरिया के गृह युद्ध के दौरान होम्स में भारी सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।
मस्जिद के अंदर लगे विस्फोटक में हुआ धमाका
सीरियाई गृह मंत्रालय ने मस्जिद के चारों ओर सुरक्षा घेरा लगा दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इस हमले के दोषियों का पता लगाने के लिए जांच और सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी साना ने एक सुरक्षा सूत्र के हवाले से कहा, शुरुआती जांच से पता चलता है कि धमाका मस्जिद के अंदर लगाए गए विस्फोटक उपकरणों की वजह से हुआ है।
होम्स में हर तरफ सुनाई दे रहे एम्बुलेंस के सायरन
वहीं, इस इलाके के एक स्थानीय निवासी ने अपनी सुरक्षा के डर से नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी को बताया कि जुमे की नमाज के दौरान लोगों ने एक ज़ोरदार धमाका सुना, जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी और दहशत फैल गई। कोई भी अपने घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर रहा है और हमें हर तरफ एम्बुलेंस के सायरन सुनाई दे रहे हैं।"
होम्स शहर में सुन्नी मुसलमानों की आबादी ज्यादा
न्यूज एजेंसी साना ने मस्जिद के अंदर की तस्वीरें प्रकाशित कीं हैं, जिनमें से एक में दीवार में एक छेद दिखाई दे रहा था। मस्जिद के एक हिस्से पर काला धुआं छाया हुआ था और पास में कालीन और किताबें बिखरी पड़ी थीं। बता दें कि होम्स शहर में सुन्नी मुसलमानों की आबादी ज्यादा है लेकिन यहां कई ऐसे इलाके भी हैं, जहां अलावियों की आबादी अधिक है। हालांकि ज्यादातर सीरियाई सुन्नी हैं, लेकिन हटाए गए शासक बशर अल-असद अलावित समुदाय से हैं, जिनका धर्म शिया इस्लाम से जुड़ा है।


