सार
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को चुनौती दी है। आंतरिक संघर्ष के कारण भारत में शरण लेने वाली हसीना ने एक ज़ूम मीटिंग के दौरान यूनुस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने यूनुस को 'माफिया सरगना' बताया और कहा कि वह देश में अधर्म फैला रहे हैं। 'माफिया सरगना' का मतलब अपराधियों का मुखिया होता है।
पिछले साल छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए 4 पुलिस अधिकारियों की विधवाओं के साथ ज़ूम मीटिंग के दौरान शेख हसीना ने मुहम्मद यूनुस पर तीखे हमले किए। हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस देश में आतंकवादियों को बढ़ावा दे रहे हैं और बांग्लादेश में अधर्म फैलाने में उनकी अहम भूमिका है।
5 अगस्त 2024 को हुई दुखद घटना पर हसीना ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने ज़ूम मीटिंग के दौरान विधवाओं को वादा किया कि वह बांग्लादेश लौटेंगी और पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लेंगी। हसीना का कहना है कि पुलिसकर्मियों की हत्या उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने बताया कि अगस्त के विरोध प्रदर्शनों में लगभग 450 पुलिस थानों पर हमला किया गया था।
देश में आंतरिक संघर्ष शुरू होने के बाद, हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया और ढाका से भागकर भारत आ गईं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कई बार हसीना को वापस भेजने की मांग की, लेकिन भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बार-बार कहा है कि हसीना को वापस लाया जाएगा और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।