Russia Ukraine War ने खतरनाक मोड़ लिया। रूस ने कीव के कैबिनेट भवन पर मिसाइल-ड्रोन हमला किया, 3 की मौत। जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन ने रूस की द्रुज़्बा ऑयल पाइपलाइन को निशाना बनाया। युद्ध की आग यूरोप तक फैलने का खतरा।
Russia Ukraine War News: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) एक बार फिर नए और खतरनाक मोड़ पर पहुँच गया है। इस बार रूसी मिसाइलों और ड्रोन हमलों ने यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) के कैबिनेट भवन को निशाना बना दिया। पहली बार किसी सरकारी इमारत पर हमला हुआ और इसमें एक साल के मासूम बच्चे सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। यूक्रेन ने भी चुप्पी नहीं साधी और रूस की द्रुज़्बा ऑयल पाइपलाइन (Druzhba Oil Pipeline) पर बड़ा हमला किया। सवाल उठ रहा है कि क्या यह जंग अब और ज्यादा खतरनाक हो जाएगी?
रूस का निशाना क्यों बना कीव का कैबिनेट भवन?
हमले के बाद कैबिनेट भवन की छत और ऊपरी मंज़िल से धुआं उठता देखा गया। यूक्रेनी प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने कहा – "यह पहली बार है जब दुश्मन ने हमारी सरकारी इमारत को नुकसान पहुँचाया है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इमारत की मरम्मत हो जाएगी, लेकिन जिन जिंदगियों को खो दिया, वे वापस नहीं आएंगी।
कितनी तबाही मचाई रूसी मिसाइलों और ड्रोन ने?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने कीव और अन्य शहरों पर 805 ड्रोन और 13 मिसाइलें दागीं। इस दौरान स्वियातोशिन्स्की और डार्नित्स्की इलाकों में इमारतें ढह गईं, आग लग गई और दर्जनों लोग घायल हुए। मृतकों में एक बुजुर्ग महिला और एक युवती भी शामिल हैं। घायलों में एक गर्भवती महिला भी है।
यूक्रेन का पलटवार कितना खतरनाक था?
हमले के कुछ घंटों बाद ही यूक्रेनी सेना ने रूस की द्रुज़्बा ऑयल पाइपलाइन पर हमला कर दिया। यह वही पाइपलाइन है, जिससे रूस हंगरी और स्लोवाकिया को तेल सप्लाई करता है। ड्रोन कमांडर रॉबर्ट ब्रोवडी ने दावा किया कि पाइपलाइन को भारी नुकसान पहुँचा है और आग लग गई है। यह कदम रूस की ऊर्जा सप्लाई चेन को बड़ा झटका देने वाला साबित हो सकता है।
क्या अब यूरोप भी खतरे में है?
हमलों के बाद पोलैंड ने भी अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है और फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। वहीं, NATO देशों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि पाइपलाइन और ऊर्जा संयंत्रों पर हमले का असर पूरे यूरोप पर पड़ सकता है।
आगे क्या होगा?
रूस और यूक्रेन दोनों ने नागरिकों को निशाना बनाने से इनकार किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि फरवरी 2022 से अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं। यह हमला दिखाता है कि युद्ध किसी भी समय और ज्यादा खतरनाक स्तर पर पहुँच सकता है। सवाल यही है – क्या यह संघर्ष अब यूरोप को भी अपनी चपेट में ले लेगा?
