सार

Mauritius की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय के कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

PM Modi’s speech in Mauritius: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मारीशस में कम्युनिटी प्रोग्राम को सम्बोधित किया। बड़ी संख्या में भारतीय समाज को सम्बोधित करते हुए पीएम modi ने कहा कि जब 10 साल पहले, आज की ही तारीख को मैं यहां आया था। आज उस दिन को मैं जब मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है कि अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की हवा में, यहां की मिट्टी में, यहां के पानी में... अपनेपन का एहसास है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉरीशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने, मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है।मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि मुझे याद है, साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था। तब मैं किसी सरकारी पद पर भी नहीं था। एक सामान्य कार्यकर्ता के रुपए में यहां आया था। संयोग देखिए, कि नवीन जी उस समय भी प्रधानमंत्री थे। अब जब मैं प्रधानमंत्री बना तो नवीन जी मेरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे। प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था, जो भावना मैंने जो सालों पहले महसूस की थी, वह आज भी अनुभव करता हूं।

अयोध्या का जिक्र कर जोड़ा यहां से नाता 

प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ, हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ, तो भारत में जो उत्साह और उत्सव था, यहां मॉरीशस में भी उतना ही बड़ा महोत्सव हमने देखा।आपकी भावनाओं को समझते हुए तब मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी। भारत और मॉरीशस के बीच आस्था का ये संबंध हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार है।

पवित्र संगम का पानी लेकर आया हूं: मोदी

पीएम ने कहा कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी-अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं। दुनिया को आश्चर्य हो रहा है... मानव इतिहास का, विश्व का, ये सबसे बड़ा समागम था, 65-66 करोड़ लोग इसमें आए थे और उसमें मॉरीशस के लोग भी आए थे। लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन चाहते हुए भी एकता के इस महाकुंभ में नहीं आ पाए।मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है, इसलिए मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल साथ लेकर आया हूं। इस पवित्र जल को कल यहां गंगा तालाब को अर्पित किया जाएगा।

बिहार के साथ यहां का भावुक संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं। दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा ग्लोबल इंस्टीट्यूट भारत में था, बिहार में था। हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी को और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है। बिहार का मखाना, ये आज भारत में बहुत चर्चा में है। आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं, बिहार का ये मखाना, दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा।