सार
पाकिस्तान की मौजूदा बदहाली और भारत की तरक्की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज के बारे में खबरें दिखाने वाले 12 यूट्यूबर्स का क्या हुआ?
पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी और सना अमजद समेत भारत और मोदी के समर्थन में बोलने वाले 12 पाकिस्तानी यूट्यूबर्स को पाकिस्तानी सेना ने फांसी पर लटका दिया है, ऐसी अफवाहें कई दिनों से सोशल मीडिया पर फैल रही हैं। खासकर शोएब और सना के लाखों चाहने वालों में ज्यादातर भारतीय हैं। इनके वीडियो भारत में ही सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। पाकिस्तान की तुलना भारत से करते हुए, पाकिस्तान की मौजूदा हालत, शिक्षा का स्तर, भारत की उपलब्धियां, आर्थिक व्यवस्था, और खासतौर पर प्रधानमंत्री मोदी के कामकाज के बारे में ये दोनों यूट्यूबर्स रोजाना बताते रहे हैं। कई पाकिस्तानी भी इनके वीडियो पर कमेंट करते हुए भारत की तारीफ करते हैं।
इन दोनों के नक्शेकदम पर चलते हुए कई और पाकिस्तानी यूट्यूबर भी भारत की तारीफ करते हुए अपने यूट्यूब चैनल चला रहे हैं। लेकिन पिछले 21 दिनों से ये 12 यूट्यूबर अचानक गायब हैं! इनका एक भी वीडियो अपलोड नहीं हुआ है, जिससे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। आखिरकार खबर आई कि इन 12 लोगों को पाकिस्तानी सेना ने फांसी दे दी है। फिर खबर आई कि 12 नहीं, बल्कि सिर्फ शोएब चौधरी और सना अमजद को फांसी दी गई है।
लेकिन इसी बीच, 21 दिन बाद शोएब आज लाइव आकर पाकिस्तानी सेना द्वारा दी गई प्रताड़ना के बारे में बताया। बाकी लोगों का क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं है! शोएब अपने यूट्यूब चैनल 'दि रियल एंटरटेनमेंट' पर दिखाई दिए। गुस्से में उन्होंने पिछले 21 दिनों में हुई घटनाओं के बारे में बताया।
शोएब ने बताया कि पाकिस्तानी पुलिस रात 2 बजे उनके घर में घुसकर उन्हें उठा ले गई। जिस तरह से उन्हें ले जाया गया, उससे लग रहा था कि वे वापस नहीं आएंगे। मुझे लगा कि मेरा अंत आ गया है। लेकिन मैं वापस आ गया हूं। मेरी मौत, मेरी लाश मिलने, और मुझे फांसी दिए जाने की खबरें फैलाई गईं, जिन्हें मैंने देखा। लेकिन फिलहाल मैं जिंदा हूं। मैं चुप नहीं बैठूंगा। मैं पाकिस्तानी सेना और पुलिस प्रशासन की निंदा करता रहूंगा। जब भी पाकिस्तानी सेना कोई गलती करेगी, मैं उसे उजागर करूंगा। मैं पाकिस्तान में होने वाली किसी भी गलत चीज को चुपचाप नहीं देखता रहूंगा। वे मेरे साथ जो चाहें कर लें। शोएब ने कहा कि पाकिस्तानी सेना उनके बढ़ते फॉलोअर्स से बौखलाई हुई है। उन्हें डर है कि कहीं मैं युवाओं को इकट्ठा करके कोई राजनीतिक पार्टी न बना लूं।
बाकी लोगों का क्या हुआ, यह पता नहीं है। इस बीच, पाकिस्तानी पत्रकार अर्जू काजमी ने फांसी की खबरों को झूठा बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि यह झूठी खबर है। यूट्यूबर्स को फांसी नहीं दी गई है, बल्कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। मुझे भी इसी तरह फोन आया था। 1 जनवरी को पाकिस्तानी जांच एजेंसी FIA ने मुझे फोन किया था। मुझे पता था कि वे मुझ पर बहुत गुस्सा हैं। लेकिन मुझे कारण नहीं पता था। मैं एक पत्रकार हूं। मैं जो देखती हूं, वही बताती हूं। मैं सिर्फ खबरों पर आधारित कार्यक्रम करती हूं। लेकिन पाकिस्तान सरकार को हमारी सच्चाई कड़वी लग रही है।