सार

ऑपरेशन सिंदूर में भारत के सटीक हमलों से पाकिस्तान दहशत में आ गया और अमेरिका से मदद की गुहार लगाई। भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस और महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ।

India Pakistan Conflict: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सैन्य टकराव युद्ध विराम समझौते पर सहमति के साथ ही थम गया। अचानक युद्ध विराम ने बहुत से लोगों को चौंका दिया। अब सच्चाई सामने आ रही है कि पाकिस्तान क्यों इतना डर गया था कि उसने अमेरिका से बचाने की गुहार लगाई।

10 मई को भारत ने पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इससे पाकिस्तान की वायु सेना की लड़ने की क्षमता को बहुत नुकसान हुआ। भारत द्वारा दागे गए मिसाइलों ने पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण रनवे नष्ट कर दिए। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के भंडार के बहुत करीब हमला किया गया। इससे पाकिस्तान के पसीने छूट गए। उसने अमेरिका से बचाने की गुहार लगाई। इसके बाद अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने की पहल की।

10 मई को पहले पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे। उसने जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक 15 भारतीय हवाई अड्डों और चौकियों को निशाना बनाया। इन हमले में 16 नागरिक मारे गए थे। धार्मिक संरचनाओं को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के अहम एयर बेस पर हवाई हमला किया।

भारत ने पाकिस्तान के मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया

10 मई को तड़के सुबह एक ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू विमानों से पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर हमला किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन ठिकानों में रफीकी, मुरीद, नूर खान, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पसरूर और सियालकोट के महत्वपूर्ण हवाई ठिकाने शामिल थे।

सैटेलाइट से ली गई तस्वीर से पता चला है कि पाकिस्तानी एयर बेस को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। रनवे तबाह हो गए हैं। विमानों के रखने के काम आने वाले हैंगर नष्ट हो गए हैं। रहीम यार खान एयरबेस पर हमले से रनवे पर एक बड़ा गड्ढा बन गया। पसरूर, चुनियां और आरिफवाला में एयर डिफेंस रडार क्षतिग्रस्त हो गए।

नूर खान एयर बेस को हुआ बड़ा नुकसान

भारत ने पाकिस्तान की सेना के मुख्यालय रावलपिंडी के बास हमला किया था। चकलाला में नूर खान एयर बेस पर किए गए हमले का गहरा असर हुआ। यह बेस पाकिस्तान के मुख्य ट्रांसपोर्ट स्क्वाड्रनों का घर है। यहां C-130 हरक्यूलिस और IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर जैसे विमान रखे जाते हैं। नूर खान पाकिस्तान के सामरिक योजना प्रभाग (Strategic Plans Division) के मुख्यालय के बहुत करीब स्थित है। यह पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के भंडार की देखरेख करने वाली संस्था है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान को डर था कि भारत उसके न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी को खत्म कर देगा। नूर खान पर मिसाइल हमले को इस चेतावनी के तौर पर देखा गया कि भारत ऐसा कर सकता है। सैटेलाइट से ली गई तस्वीर से पता चला कि सरगोधा में मुशाफ एयरबेस के रनवे पर भी हमला किया गया। यह बेस किराना हिल्स के नीचे जमीन के अंदर बने परमाणु भंडारण केंद्रों से जुड़ा हुआ है। इस एयर बेस पर बंकरों को भेदने वाले बमों से हमला किया गया। नूर खान और सरगोधा पर ये हमले पाकिस्तान को यह संकेत देने के लिए किए गए कि यदि लड़ाई बढ़ी तो भारत उसके परमाणु भंडार को बेअसर करने में सक्षम है।

भारत के हमलों से दहशत में आया पाकिस्तान

भारत द्वारा किए गए हमलों से पाकिस्तान की सेना और सरकार दहशत में आ गई थी। उसी दिन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (National Command Authority) की आपातकालीन बैठक बुलाई। यह पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के संबंध में फैसला लेने वाली सबसे ऊंची बॉडी है।

दूसरी ओर अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सरकार के लोगों को चिंता थी कि संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहले कहा था कि संघर्ष में "हमारा कोई काम नहीं है"। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और तनाव कम करने व पाकिस्तान के साथ सीधे संपर्क करने का आग्रह किया।

इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की। रुबियो ने बताया कि पाकिस्तान गोलीबारी बंद करने को तैयार है, क्या भारत भी इस पर सहमत होगा। जयशंकर ने जवाब दिया: “अगर वे गोलीबारी नहीं करेंगे, तो हम भी गोलीबारी नहीं करेंगे।”