सार

Pakistan Train Hijack: बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक के बाद यात्रियों ने सुनाई भयावह कहानी। पाकिस्तानी सेना ने 155 बंधकों को छुड़ाया, 27 लड़ाके मार गिराया। यात्रियों ने हमले के खौफनाक मंजर को बयां किया।

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक होने के बाद से तनाव बढ़ गया है। इस हादसे में पाकिस्तानी सेना ने करीब 155 बंधकों को रिहा कर लिया और 27 से ज्यादा हथियारबंद लड़ाकों को मार गिराया है। ट्रेन हाईजैक की घटना के बाद बंधकों ने जो अपनी आंखों देखी कहानी सुनाई, वह काफी भयावह थी।

क्वेटा रेलवे अस्पताल के डॉ. हसन नकिल ने रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि 57 यात्रियों को बचाए जाने के बाद उन्हें प्रांतीय राजधानी क्वेटा में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें से 23 यात्री बलूचिस्तान के मच और सिबी जिलों के निवासी थे और सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद मच के लिए एक राहत ट्रेन भेजी जानी थी।

यात्रियों ने सुनाई आपबीती

एक बुजुर्ग व्यक्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ईश्वर ने हमें बचाया है। हमले के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि रॉकेट ने ने ट्रेन के इंजन को निशाना बनाया, जिसके बाद गोलियां चलनी शुरू हो गईं। इसके अलावा एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि हमारी जान बचने की संभावना बहुत कम थी। महिला ने बताया कि वह अपने पति के साथ रेलवे स्टेशन तक पैदल गई और मालगाड़ी पकड़ी जो उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई।


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‘ट्रेन में डर का माहौल था’

एक और बचाए गए यात्री, मोहम्मद अशरफ, जो क्वेटा से Lahore जा रहे थे, ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने हमले के दौरान किसी को मरते हुए देखा, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने "कम से कम छह या सात" यात्रियों को अपनी जान गंवाते हुए देखा। आगे उसने बताया कि कोई किसी से नहीं बोल रहा था और ना इधर-उधर देख रहा था। उस वक्त ट्रेन में डर का माहौल था।

 

 

हमले के भयानक पल को याद करते हुए शख्स ने बताई ये बात

हमले के भयानक पल को याद करते हुए एक शख्स ने मीडिया चैनल को बताया, "हम सुबह 9 बजे क्वेटा से प्लेटफॉर्म से निकले तभी अचानक एक धमाका सुनाई दिया। हम अपनी जान बचाने के लिए छिप गए। गोलियां चलने लगीं... फिर वे हमारे कोचों में घुसे और हमें कहा, 'हम तुम्हारा कुछ नहीं करेंग और उन्होंने ऐसा किया।" उस आदमी ने बताया कि हमलावरों ने यात्रियों को व्यवस्थित तरीके से उतारा, पूछा कि क्या उनके परिवार हैं और उन्हें सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने का निर्देश दिया। आगे उस शख्स ने कहा कि हमें नहीं पता कि दूसरे कोचों में क्या हुआ