सार
‘द वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ भले ही अमेरिका के लिए खूबसूरत हो, पर अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों के लिए ये बिल किसी सिरदर्द से कम नहीं है। अमेरिका में रह रहे भारतीयों और प्रवासी भारतीयों के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। एक नए बिल के तहत अमेरिकी नागरिकों के अलावा बाकी सभी लोगों द्वारा किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। इससे अपने देश पैसा भेजना और भी महंगा हो जाएगा। अगर यह बिल पास हो जाता है, तो H-1B, F-1 जैसे नॉन-इमिग्रेंट वीजा धारकों, ग्रीन कार्ड होल्डर्स और बिना कागजात वाले प्रवासियों पर भी यह टैक्स लागू होगा। वेस्टर्न यूनियन, पेपाल या बैंकों जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाले लेनदेन पर यह टैक्स तुरंत काट लिया जाएगा। हालांकि, अभी तक कांग्रेस ने इस बिल को पास नहीं किया है, लेकिन अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह जुलाई 2025 से लागू हो सकता है।
यह अवैध प्रवास को रोकने और विदेश जाने वाले कैश फ्लो को कंट्रोल करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। 2016 में, ट्रम्प ने मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से पहली बार इस विचार का प्रस्ताव रखा था। अब, इसे H-1B, F-1 वीजा धारक और ग्रीन कार्ड होल्डर जैसे कानूनी निवासियों को भी शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया जा रहा है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में प्रवासियों ने भारत में 10 लाख करोड़ रुपये भेजे थे। इसमें से लगभग 2.72 लाख करोड़ रुपये अमेरिका से आए थे। अगर इस तरह के लेनदेन पर 5% टैक्स लगाया जाता है, तो भारतीयों को सालाना लगभग 14,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, लगभग 45 लाख प्रवासी भारतीय अमेरिका में रहते हैं। प्रवासी अपने परिवार के सदस्यों को आर्थिक मदद देने के लिए, खासकर शिक्षा, चिकित्सा और रोजमर्रा के घरेलू खर्चों के लिए पैसा भेजते हैं। यह रियल एस्टेट और शेयर बाजार में निवेश का एक प्रमुख स्रोत भी है।
अगर यह कानून लागू हो गया तो क्या होगा?
टैक्स दर: अमेरिकी नागरिकों के अलावा अन्य सभी द्वारा भेजे जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय धन पर 5% लेवी।
किन पर लागू होगा: नॉन-इमिग्रेंट वीजा धारक (जैसे, H-1B, F-1), ग्रीन कार्ड धारक, बिना कागजात वाले प्रवासी।
कैसे वसूला जाएगा: वेस्टर्न यूनियन, पेपाल या बैंक जैसी सेवाएं लेनदेन के समय ही टैक्स काट लेंगी।
कब लागू होगा?: अगर कानून पास हो जाता है, तो यह टैक्स जुलाई 2025 से लागू हो सकता है।
प्रवासी क्यों चिंतित हैं?
इस टैक्स की वजह से भारतीय परिवारों को सालाना लगभग 14,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुजुर्गों की देखभाल के लिए भेजे जाने वाले पैसे पर असर पड़ेगा।
भारतीय रियल एस्टेट और शेयर बाजार में एनआरआई निवेश कम होने की संभावना है।
नए नियम के तहत, घर भेजे जाने वाले प्रत्येक 1 लाख रुपये (डॉलर में) पर 5,000 रुपये (डॉलर में) टैक्स देना होगा। अभी तक अमेरिका में धन प्रेषण पर कोई टैक्स नहीं था, इसलिए यह एक बड़ा नीतिगत बदलाव है।