सार
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में तैनात कर दिया। यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड की तस्वीरें लेकर धरती पर भेजेगा, जिसका अध्ययन कर वैज्ञानिक नई जानकारियां हासिल कर पाएंगे।
वाशिंगटन। ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई? धरती पर जीवन कैसे आया? क्या सिर्फ धरती पर ही इंसान हैं या ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों पर भी इंसान जैसे जीव हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका उत्तर वैज्ञानिक तलाश रहे हैं। पिछले साल क्रिसमस के मौके पर अंतरिक्ष में भेजे गए दुनिया के सबसे शक्तिशाली जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) से इन सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद जगी है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने इसे शनिवार को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में तैनात कर दिया। धरती से करीब 1,12,654 किलोमीटर दूर इसे तैनात किया गया है। यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड की तस्वीरें लेकर धरती पर भेजेगा, जिसका अध्ययन कर वैज्ञानिक नई जानकारियां हासिल कर पाएंगे। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप धरती पर बना अब तक का सबसे बड़ा और शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप है। 10 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में तीन दशक से अधिक समय लगा। इसके लिए नासा, यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी और कैनेडियन अंतरिक्ष एजेंसी के बीच समझौता हुआ था।
हबल से 100 गुना अधिक संवेदनशील है जेम्स वेब
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को नासा के प्रमुख खगोल भौतिकी मिशन के रूप में हबल स्पेस टेलीस्कोप को सफल बनाने के लिए 1960 के दशक के दौरान अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख जेम्स एडविन वेब के नाम पर रखा गया है। नया अंतरिक्ष दूरबीन अपने पूर्ववर्ती हबल की तुलना में लगभग 100 गुना अधिक संवेदनशील है। उम्मीद है कि यह ब्रह्मांड और इसमें हमारे स्थान के बारे में वैज्ञानिकों की समझ को बदल देगा।
बेहतर इन्फ्रारेड रिज़ॉल्यूशन और संवेदनशीलता के साथ, JWST खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान के क्षेत्रों में व्यापक जांच को सक्षम करेगा, जिसमें ब्रह्मांड में कुछ सबसे दूर की घटनाओं और वस्तुओं का अवलोकन करना शामिल है। इससे पता चलेगा कि पहली आकाशगंगाओं का निर्माण कब हुआ। टेलीस्कोप खगोलविदों को आकाशगंगाओं के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल और हमारी आकाशगंगा में अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों का बेहतर अध्ययन करने में भी मदद करेगा।
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