सार
Narendra Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर फ्रांस पहुंच गए हैं। इस यात्रा के दौरान 26 राफेल मरीन फाइटर जेट्स और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण के सौदे पर मुहर लग सकती है। इन दोनों डील पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार नौसेना के लिए 22 सिंगल-सीट राफेल-एम जेट और चार ट्विन-सीट ट्रेनर विमानों के लिए 63,000 करोड़ रुपए का सौदा होने को है। यह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) के पास है। इसे अंतिम मंजूरी दिया जाना है।
3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का होगा निर्माण, खर्च होंगे 33,500 करोड़ रुपए
भारत और फ्रांस के बीच 3 अतिरिक्त डीजल-इलेक्ट्रिक स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए 33,500 करोड़ रुपए का सौदा होने की उम्मीद है। तीनों सबमरीन का निर्माण मझगांव डॉक्स (एमडीएल) द्वारा फ्रेंच नेवल ग्रुप के सहयोग से किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के फ्रांस-अमेरिका दौरे से लौटने के बाद CCS राफेल-एम सौदे पर विचार करेगी। स्कॉर्पीन के लिए लागत को लेकर हो रही बातचीत में थोड़ा अधिक समय लगा है। एमडीएल ने शुरू में ऊंची कीमत बताई थी। 31 मार्च को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष से पहले दोनों सौदे पूरे करने की कोशिश है।
साफ्रान-डीआरडीओ सहयोग पर होगी चर्चा
नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत और फ्रांस के बीच लड़ाकू विमानों के इंजन मिलकर विकसित करने को लेकर भी बात होगी। फ्रांस की कंपनी साफ्रान भारत में हेलीकॉप्टर इंजन बना रही है। साफ्रान और DRDO द्वारा मिलकर 110 किलोन्यूटन का जेट इंजन विकसित करने पर भी बात होगी। इस इंजन का इस्तेमाल भारतीय पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू परियोजना, AMCA (advanced medium combat aircraft) में होगा।
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फ्रांस के साथ राफेल एम के सौदे में क्या है शामिल?
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 59000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। सभी विमान भारतीय वायुसेना को मिल गए हैं। अब भारत को अपने नए एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों की जरूरत है। इसके लिए राफेल एम को चुना गया है। 26 राफेल एम के लिए 63,000 करोड़ रुपए का सौदा होने की उम्मीद है। इसके लिए भारत और फ्रांस के बीच सरकार से सरकार के स्तर की बातचीत हो रही है।
राफेल-एम सौदे में लड़ाकू विमान, उसमें लगने वाले हथियार, सिमुलेटर, चालक दल का प्रशिक्षण और पांच साल का प्रदर्शन-आधारित रसद समर्थन शामिल है। इसके साथ ही पहले खरीदे गए 36 राफेल विमानों के पुर्जे भी लिए जाने हैं।