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मोसाद की जासूसी दुनिया में क्यों है सबसे खतरनाक? ऑपरेशन 'Pager Bombs' से लेकर 'एली कोहेन' तक की कहानी
Mossad Spy Agency: Mossad के खुफिया ऑपरेशन दुनियाभर में क्यों माने जाते हैं सबसे खतरनाक? पेजर बम (Pager Bomb), स्टक्सनेट (Stuxnet), एली कोहेन से लेकर Entebbe तक Mossad की जासूसी की पूरी कहानी, जिसमें असंभव को भी संभव किया गया।
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दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावी खुफिया एजेंसी
Mossad Spy Agency: दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावी खुफिया एजेंसी का नाम अगर कोई पूछे तो कोई भी सबसे पहले एक ही नाम लेगा-Mossad (मोसाद)। पिछले कुछ सालों में दुनिया के टॉप खुफिया ऑपरेशन्स ने इसकी पुष्टि कर दी है। 1949 में बनी इस एजेंसी ने वक्त के साथ ऐसा नेटवर्क और खौफ बनाया है कि दुश्मन देशों की नींद उड़ जाती है। अल्ट्रा-गोपनीय ऑपरेशन, सालों तक चली प्लानिंग और मिनटों में काम तमाम, अगर मोसाद की असली कार्यशैली इसे कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
एली कोहेन: दमिश्क में बैठा इजरायल का आदमी
1961 से 1965 तक Mossad एजेंट Eli Cohen ने खुद को सीरियाई बिजनेसमैन बताकर दमिश्क की राजनीति में घुसपैठ की। उन्होंने: गोलन हाइट्स के ठिकानों की जानकारी दी, सीरियाई रक्षा मंत्रालय के सलाहकार बने और जो जानकारी उन्होंने दी, उसने 1967 की छह-दिवसीय युद्ध में इजरायल की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्हें 1965 में पकड़कर दमिश्क में सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया गया लेकिन वो आज भी इजरायल में राष्ट्रीय नायक हैं।
पेजर बम हमला: Hezbollah की धज्जियां उड़ाईं
सितंबर 2024 में मोसाद ने एक ऐसा हमला किया जिसने खुफिया दुनिया को हिला दिया। Lebanon में हज़ारों पेजर और वॉकी-टॉकी एक साथ फट पड़े। Hezbollah के कई सीनियर आतंकियों की मौत हो गई।
- 42 से अधिक मौतें,
- 3,500 से ज़्यादा घायल,
- ईरान के राजदूत मोजतबा अमानी तक घायल हुए।
इन पेजर्स को Gold Apollo (Taiwan) नाम की कंपनी से बनवाया गया था, लेकिन इजरायल ने सप्लाई चेन में घुसपैठ कर उन्हें बम में बदल दिया। यह प्लानिंग 10 साल से चल रही थी। इस ऑपरेशन की आलोचना भी हुई क्योंकि इससे नागरिकों की मौत हुई, जिनमें 2 बच्चे भी शामिल थे। लेकिन Mossad का संदेश साफ था, अब 'सामान्य दिखने वाली' चीज़ें भी घातक हो सकती हैं।
ऑपरेशन 'Wrath of God': म्यूनिख हमले का बदला
1972 में Munich Olympics के दौरान 11 इजरायली खिलाड़ियों की हत्या के बाद, Mossad ने 'Wrath of God' नाम का ऑपरेशन चलाया। 1972 से लेकर कई वर्षों तक Mossad ने Black September और PLO के आतंकियों को चुन-चुन कर मारा। रोम, पेरिस, बेरुत, नॉर्वे, हर जगह Mossad पहुंच गई। हालांकि Lillehammer (नॉर्वे) में एक गलती हुई जब एक Moroccan वेटर को गलत पहचान में मार डाला गया। लेकिन इस ऑपरेशन ने बता दिया कि इजरायल अपने नागरिकों की मौत का हिसाब जरूर लेता है।
ऑपरेशन एंटेबे: जब 102 बंधक छुड़ाए गए
1976 में एक Air France फ्लाइट को अगवा कर उगांडा के एंटेबे एयरपोर्ट पर ले जाया गया। Mossad ने जानकारी जुटाई और इजरायली कमांडो ने मात्र 53 मिनट में 102 बंधकों को जिंदा छुड़ा लिया। यह ऑपरेशन आज भी मिलिट्री इतिहास का सबसे साहसी और सफल रेस्क्यू मिशन माना जाता है।
Stuxnet: डिजिटल बम जो दिखा नहीं लेकिन फट गया
2007-2010 के बीच Mossad और अमेरिकी NSA ने मिलकर Stuxnet वॉर्म बनाया। यह दुनिया का पहला साइबर हथियार था। यह ईरान के नतांज़ न्यूक्लियर प्लांट में घुसा। सेंट्रीफ्यूज को नुकसान पहुंचाया लेकिन डेटा ऐसा दिखा जैसे सब सामान्य हो। इससे 1,000 से 2,000 सेंट्रीफ्यूज बर्बाद हो गए। ईरान का परमाणु कार्यक्रम 2 साल पीछे चला गया।
लेकिन हर ऑपरेशन नहीं रहा परफेक्ट: 'Lavon Affair' की नाकामी
1954 में Mossad ने Egypt में फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन चलाने की कोशिश की — बम धमाके करवाने और इसका दोष मुस्लिम ब्रदरहुड पर मढ़ने का प्लान था। लेकिन बम जल्दी फट गया, एजेंट पकड़े गए और इस ‘Lavon Affair’ ने पूरे इजरायली नेतृत्व को बड़ा झटका दिया। डिफेंस मिनिस्टर Pinhas Lavon को इस्तीफा देना पड़ा।