Laura MacLure AI Photo: न्यूजीलैंड की महिला सांसद लॉरा मैक्लर ने संसद में अपनी AI-जेनरेटेड न्यूड फोटो दिखाकर Deepfake कानून की मांग की। उनका यह साहसी कदम अब दुनियाभर में चर्चा में है। जानिए पूरा मामला।

Laura McClure AI Photo: न्यूजीलैंड की संसद में 14 मई को एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला दृश्य देखने को मिला, जब महिला सांसद लॉरा मैक्लर (Laura MacLure) ने सदन में अपनी AI-जेनरेटेड बिना कपड़ों की तस्वीर दिखाकर Deepfake टेक्नोलॉजी के खतरे को उजागर किया। उनका यह साहसी कदम सोशल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक चर्चा में आ गया है।

AI की ताकत और खतरा—एक साथ उजागर

लॉरा ने सदन में खड़े होकर कहा कि यह मेरी बिना कपड़ों की तस्वीर है लेकिन यह असली नहीं है। मुझे ऐसी डीपफेक तस्वीरें बनाने में पांच मिनट से भी कम समय लगा। उन्होंने बताया कि बस एक साधारण गूगल सर्च और एक वेबसाइट के जरिए उन्होंने यह तस्वीर बना ली। बस एक बॉक्स में टिक करना था कि मैं 18 साल से ऊपर हूं और व्यक्ति की सहमति मेरे पास है, और कुछ ही मिनटों में डीपफेक फोटो तैयार हो गई।

लॉरा का मानना है कि असली समस्या तकनीक नहीं है, बल्कि इसका गलत इस्तेमाल है। उन्होंने कहा कि हमें इसका हल निकालना होगा। हमारे कानून इस तेजी से बढ़ती समस्या के मुकाबले बेहद कमजोर हैं।

महिलाएं बन रही हैं सबसे बड़ा टारगेट

न्यूजीलैंड में डीपफेक से संबंधित कोई सीधा कानून नहीं है लेकिन डिजिटल कम्युनिकेशन से जुड़े कुछ नियम जरूर मौजूद हैं। लॉ एसोसिएशन के अनुसार, 90 से 95% डीपफेक वीडियो अश्लील कंटेंट होते हैं जिनमें लगभग 90% महिलाएं बिना अनुमति के लक्षित होती हैं।

Laura का कानून प्रस्ताव—Deepfake Digital Harm Bill

लॉरा मैक्लर ने जो बिल पेश किया है, उसमें कई अहम प्रावधान शामिल हैं।

  • डिजिटल शोषण, अश्लीलता और निजी रिकॉर्डिंग से जुड़े मौजूदा कानूनों का विस्तार
  • बिना अनुमति डीपफेक बनाना या शेयर करना अपराध
  • पीड़ितों को हानिकारक सामग्री हटवाने और मुआवजे की मांग करने का अधिकार

युवाओं पर गहरा मानसिक प्रभाव

लॉरा ने बताया कि उनसे कई पीड़ित संपर्क कर चुके हैं, जिन्हें डीपफेक के जरिए धमकाया गया या सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाया गया। खासतौर पर युवा मानसिक रूप से बेहद प्रभावित हो रहे हैं।

सरकार का रवैया फिलहाल ढीला

हालांकि, लॉरा के बिल को लेकर सरकार ने कहा है कि वह फिलहाल इसे आधिकारिक सरकारी कानून के रूप में अपनाने पर विचार नहीं कर रही है। इससे लॉरा और अन्य डिजिटल अधिकार कार्यकर्ताओं में निराशा है।

अमेरिका में सख्त कानून लागू

अमेरिका में मई में राष्ट्रपति ने Take It Down Act पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत बिना सहमति किसी की तस्वीर इस्तेमाल करना अपराध है। साथ ही, पीड़ित के अनुरोध पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 48 घंटे के भीतर ऐसी सामग्री हटानी होगी।