पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने अमेरिका में ट्रंप के साथ लंच किया, जबकि इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता से मुलाकात की थी। यह दोहरा रवैया सवाल खड़े करता है: पाकिस्तान किसके साथ है?

Pakistan Relation with Iran-America: ईरान-इजराइल में चल रहे युद्ध के बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की एक हरकत से ईरान तिलमिला उठा है। दरअसल, मुनीर ने हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप के साथ लंच किया। इससे पहले वो ईरान गए थे और वहां सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी। ऐसे में पाकिस्तान का ये कदम कई सवाल उठा रहा है। खासकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान ईरान की तरफ है या अमेरिका की?

किसके साथ है ईरान का पड़ोसी पाकिस्तान?

भारत में ईरानी दूतावास के डिप्टी मिशन हेड जावेद हुसैनी ने साफ कहा है कि इजराइल के साथ ईरान के युद्ध में अगर कोई तीसरा देश शामिल हुआ तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। हमारे पास कुछ ऐसी ताकतें हैं, जिन्हें हमने भविष्य के लिए सुरक्षित रखा है। हुसैनी ने पाकिस्तान के दोहरे रवैए को लेकर कहा हमें उम्मीद है कि वो हमारे साथ खड़ा रहेगा, लेकिन जिस तरह उसके सेना प्रमुख अमेरिका के साथ गलबहियां कर रहे हैं, इससे सवाल उठना लाजिमी है। पाकिस्तान को ये बात समझनी होगी कि इजराइल को रोकना क्यों जरूरी है। उसे नहीं रोका तो कल किसी और देश पर अटैक करेगा।

पाकिस्तान को ईरान ही नहीं चीन से भी मिलेगी चुनौती

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका से नजदीकी बढ़ाने में पाकिस्तान को दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका का भरोसा जीतने की कोशिशों में लगे मुनीर को कहीं न कहीं ईरान के साथ ही चीन से भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। एक तरफ जहां इस लंच से ईरान भड़का हुआ है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के करीब जाने से चीन भी पाकिस्तान से नाराज हो सकता है। चीन के साथ पाकिस्तान के मजबूत आर्थिक, रणनीतिक और सैन्य संबंध हैं। ऐसे में चीन-अमेरिका जैसी ताकतों से एक साथ रिलेशन बनाए रखना इस्लामाबाद के लिए कठिन चुनौती होगी। पाकिस्तान दोनों से ही अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन इन दोनों का आपसी टकराव सारी दुनिया जानती है और हाल ही में ये टैरिफ वॉर के रूप में सामने भी आ चुका है।

भारत को लेकर क्या बोला ईरान

जावेद हुसैनी ने भारत को लेकर पूछे जाने पर कहा- हमें भारत से भविष्य में और बेहतर समझ और सहयोग की उम्मीद रहेगी। हालांकि, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो इजरायल के इशारों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा- ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन हम बिना शर्त इसे मानने वाले नहीं हैं। हुसैनी ने ये बात ट्रंप के उस बयान के बाद कही है, जब उन्होंने ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण के लिए कहा।