Iran Israel War 2025: रूस ने अमेरिका को चेताया है कि अगर वह ईरान-इज़राइल युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप करता है तो इसके गंभीर और अप्रत्याशित परिणाम होंगे। रूस ने बुशहर न्यूक्लियर प्लांट पर इज़राइली हमलों की भी निंदा की है।
Russia Warns US on Iran Israel War: ईरान-इज़राइल युद्ध (Iran Israel War 2025) के सातवें दिन रूस ने एक कड़ा संदेश जारी किया है। रूस ने अमेरिका को साफ-साफ सैन्य हस्तक्षेप से दूर रहने की चेतावनी दी है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि हम खासतौर पर वॉशिंगटन को चेतावनी देना चाहते हैं कि सैन्य हस्तक्षेप एक बेहद खतरनाक कदम होगा, जिसके अप्रत्याशित और नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
बुशहर न्यूक्लियर साइट पर इज़राइली हमले से परमाणु संकट की आशंका
ज़खारोवा ने इज़राइल द्वारा ईरान के बुशहर न्यूक्लियर प्लांट पर किए गए हवाई हमलों को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा: परमाणु स्थलों पर हमले हो रहे हैं। पूरी दुनिया तबाही से सिर्फ मिलीमीटर की दूरी पर है।
रूस ने कहा कि बुशहर प्लांट में उसके परमाणु विशेषज्ञ कार्यरत हैं और वहां रूसी ईंधन का इस्तेमाल होता है जिसे प्रयोग के बाद वापस रूस भेजा जाता है ताकि परमाणु हथियारों का खतरा कम हो।
क्या पर्यावरणवादियों को लगता है विकिरण उनसे दूर रहेगा?
Reuters से बातचीत में ज़खारोवा ने तंज कसते हुए कहा: दुनिया की पर्यावरण चिंताओं का क्या हुआ? क्या उन्हें लगता है कि रेडिएशन की लहरें उनसे नहीं टकराएंगी? तो उन्हें फुकुशिमा का इतिहास पढ़ना चाहिए। यह बयान 2011 में जापान की फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना की याद दिलाते हुए दिया गया।
अमेरिका-इज़राइल संयुक्त हमला योजना पर रूस का दोहराया विरोध
रूस के डिप्टी विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने एक दिन पहले ही अमेरिका को चेतावनी दी थी कि यदि वह इज़राइल को सीधा सैन्य समर्थन देता है या संयुक्त हमलों में शामिल होता है तो यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगा। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका को ऐसे काल्पनिक और अटकलबाजी भरे सैन्य विकल्पों से भी सावधान करते हैं।
रूस और UAE ने की संघर्ष विराम की अपील
इस बीच रूस और संयुक्त अरब अमीरात ने बुधवार को एक संयुक्त शांति अपील की। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायेद के बीच हुई फोन बातचीत में ईरान के परमाणु मुद्दे का कूटनीतिक समाधान निकालने की ज़रूरत पर बल दिया गया।
ट्रंप की रणनीति और भारत की चिंता
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम अब इज़राइल के साथ मिलकर ईरानी न्यूक्लियर साइट्स पर संयुक्त हमले की योजना पर विचार कर रहे हैं। इस घटनाक्रम से भारत समेत कई एशियाई देश भी चिंता में हैं क्योंकि बुशहर में रेडियोधर्मी लीक की आशंका पूरी क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है।