Iran-Israel Tensions: ईरान ने इज़राइल पर परमाणु ठिकानों पर हमला करने का आरोप लगाया है और कहा है कि जवाबी कार्रवाई आत्मरक्षा में थी। अमेरिका पर भी इज़राइल को समर्थन देने का दावा। जानें पूरे टकराव की बड़ी बातें।

Iran Israel Conflict 2025: ईरान ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि उसकी ओर से इज़राइल पर की गई मिसाइल और ड्रोन हमले आत्मरक्षा (Self Defence) में थे और जब तक इज़राइल अपने सैन्य अभियान को नहीं रोकता, तब तक जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी। शनिवार रात को शुरू हुए ईरानी हमले में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। लगभग 200 लोग घायल हुए हैं।

ईरान का आरोप- ‘इज़राइल ने अंतरराष्ट्रीय कानून की नई रेड लाइन पार की’

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची (Abbas Araghchi) ने कहा कि इज़राइल ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर एक नया और खतरनाक मोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि ज़ायोनिस्ट रेजीम ने अंतरराष्ट्रीय नियमों की नई रेड लाइन पार की है। यदि अब चुप्पी रही तो इसका वैश्विक असर होगा।

South Pars Gas Field हमला: ‘युद्ध को खाड़ी देशों तक ले जाने की साजिश’

ईरानी मंत्री ने खुलासा किया कि इज़राइल ने क़तर के साथ साझा किए जाने वाले South Pars गैस क्षेत्र पर हमला किया है, जिसे खुला आक्रामक और रणनीतिक गलती बताया गया। उनका कहना था कि इज़राइल जानबूझकर इस युद्ध को फारस की खाड़ी तक खींचना चाहता है ताकि इसे ईरानी सीमा से बाहर फैलाया जा सके।

परमाणु समझौते पर असर: अमेरिका-ईरान वार्ता पर पड़ा असर

ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ताएं (Iran-US Nuclear Talks) भी इस टकराव की भेंट चढ़ गई हैं। छठे दौर की बातचीत रविवार को होनी थी लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। अराग़ची ने आरोप लगाया कि इज़राइल नहीं चाहता कि कोई परमाणु समझौता हो, ना ही वह कूटनीति में विश्वास रखता है।

अमेरिका पर गंभीर आरोप: ‘हमलों में वॉशिंगटन की भी मिलीभगत’

तेहरान ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उसके पास सबूत हैं कि अमेरिका के सैन्य अड्डों से इज़राइल को समर्थन मिला। मंत्री अराग़ची ने कहा: हमारे पास ठोस सबूत हैं कि अमेरिका की सेनाओं और बेस ने इज़राइली हमलों को समर्थन दिया। अमेरिका की यह चुप्पी उनकी मंशा को साफ दर्शाती है।

UN पर नाराज़गी: ‘सुरक्षा परिषद बनी हुई है मूकदर्शक’

ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) पर भी गहरी नाराज़गी जताई। अराग़ची ने कहा कि इज़राइल द्वारा ईरानी ठिकानों पर किया गया हमला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनदेखा किया जा रहा है। पश्चिमी देश उल्टा ईरान की निंदा कर रहे हैं जबकि हमने केवल जवाबी कार्रवाई की है।