पेरिस के लूव्र म्यूजियम में 4 चोरों ने सिर्फ 7 मिनट में एक बड़ी डकैती की। उन्होंने नेपोलियन III के समय के 8 बेशकीमती हीरे के गहने चुराए। इसे आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी म्यूजियम डकैती में से एक माना जा रहा है।

पेरिस: पेरिस के लूव्र म्यूजियम में हुई चोरी से पूरी दुनिया हैरान है। सिर्फ चार लोगों ने 10 मिनट से भी कम समय में, सही-सही कहें तो सिर्फ 7 मिनट में, एक बड़ी डकैती को अंजाम दिया। चोरों ने सारे सिक्योरिटी सिस्टम को धता बताते हुए कीमती गहने चुरा लिए और फरार हो गए।

लूव्र दुनिया का सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला म्यूजियम है। रविवार को म्यूजियम खुले अभी आधा घंटा ही हुआ था। नकाब पहने दो चोर म्यूजियम के अंदर घुसे, जबकि दो बाहर स्कूटर पर उनका इंतज़ार कर रहे थे। चोरों ने सीन नदी के पास वाली 'गैलरी ऑफ अपोलो' की बालकनी पर एक इलेक्ट्रिक सीढ़ी लगाई और ऊपर चढ़ गए। फिर कटर से बालकनी की खिड़की तोड़कर म्यूजियम के अंदर दाखिल हुए।

सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि अंदर घुसने के बाद इन नकाबपोशों ने बिना किसी हड़बड़ी के आराम से डायमंड ज्वेलरी वाले डिस्प्ले बॉक्स तोड़े और चोरी की। आम तौर पर चोरी की कोशिशों में होने वाली कोई धमकी, हिंसा या ध्यान भटकाने जैसी कोई हरकत नहीं हुई। यह एकदम प्रोफेशनल तरीका था। अधिकारियों का मानना है कि चोर काफी अनुभवी हैं। चोरों ने पलक झपकते ही सब कुछ कर दिया।

चोरों ने नौ हीरे के गहने उठाए, जिनमें से एक ज़मीन पर गिर गया। बाकी आठ गहनों के साथ वे उसी सीढ़ी से बाहर निकले। बाहर निकलकर वे पहले से इंतज़ार कर रही दो बाइकों पर बैठकर तेज़ी से भाग गए। इस सब में उन्हें सिर्फ सात मिनट लगे। यह किसी थ्रिलर सीरीज़ को भी मात देने वाला प्लान था। एकदम क्लासिक परफेक्शन।

चोरी के कुछ ही सेकंड के अंदर सिक्योरिटी अलार्म बजने लगे। कर्मचारियों ने तुरंत विजिटर्स की सुरक्षा पक्की की। म्यूजियम का प्रोटोकॉल है कि अलार्म बजते ही विजिटर्स को सुरक्षित जगह पर ले जाकर पुलिस को खबर दी जाए। चोरी सुबह 9:30 से 9:40 के बीच हुई। म्यूजियम के एक हिस्से में मरम्मत का काम चल रहा था। रिपोर्ट्स हैं कि चोर वहीं के कर्मचारियों की यूनिफॉर्म में आए थे।

नेपोलियन III की पत्नी के पहने हुए ताज, पन्ने के हार, झुमके और ब्रोच जैसे आठ गहने चोरी हुए हैं। ये सभी 19वीं सदी के हैं और इनमें कई हीरे और कीमती रत्न लगे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी म्यूजियम डकैती हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नेपोलियन और उनकी पत्नी के इस्तेमाल किए गए 8 बेशकीमती हीरे के गहने चोरी हुए हैं, जिनकी ऐतिहासिक और रत्नों की खासियत की वजह से कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती।

यह म्यूजियम अपने ऐतिहासिक कलेक्शन के लिए मशहूर है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद, जो पहले एक शाही महल था, उसे म्यूजियम बना दिया गया। यहां प्राचीन ग्रीस, मिस्र और मेसोपोटामिया की मूर्तियां, यूरोपीय कलाकारों की पेंटिंग्स और नेपोलियन III के आलीशान घरों में इस्तेमाल होने वाले एंटीक फर्नीचर समेत कई कलाकृतियां रखी हैं। म्यूजियम में 35,000 से ज़्यादा कीमती चीज़ें हैं और रोज़ाना लगभग 30,000 लोग यहां आते हैं। मोनालिसा की पेंटिंग इस म्यूजियम की सबसे बड़ी खासियत है।

फ्रांसीसी म्यूजियम में चोरी की कोशिशें अब आम होती जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में फ्रांस के कई म्यूजियम में चोरी की कोशिशें हुई हैं। लूव्र म्यूजियम में भी यह पहली चोरी नहीं है। 1976 में, तीन चोरों ने लूव्र की दूसरी मंजिल की खिड़कियां तोड़कर राजा चार्ल्स X की हीरे जड़ी तलवार चुरा ली थी। 1990 में, पियरे-अगस्टे रेनॉयर की पेंटिंग 'पोर्ट्रेट ऑफ ए सीटेड वुमन' चोरी हो गई थी।

इनमें सबसे मशहूर 1911 में हुई मोनालिसा पेंटिंग की चोरी है। चोर म्यूजियम का ही एक सिक्योरिटी गार्ड था। उसने लियोनार्डो दा विंची के इस मास्टरपीस को अपने कोट में छिपाकर बाहर निकाला था। दो साल बाद जब वह इसे इटली में बेचने की कोशिश कर रहा था, तब पकड़ा गया।

सिर्फ फ्रांस ही नहीं, हाल के सालों में कई यूरोपीय देशों में म्यूजियम चोरी एक ट्रेंड बनती जा रही है। वैसे, लूव्र की चोरी के बाद फ्रांस में कई राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। मैक्रों सरकार की लापरवाही और पुलिस की नाकामी को लेकर विवाद गरमाने लगा है। अधिकारियों ने चोरों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिया है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।