सार
अब तक भारतीय इस जगह को दूरबीन से देखा करते थे लेकिन 20 साल बाद यहां लोग बिना वीज़ा के जा सकते हैं।
नई दिल्ली. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में जाने के लिए पासपोर्ट वीजा सब लगता है। इसके साथ ही आपको कई तरह की सुरक्षा जांच से भी गुजरना होता है। पर इस साल नवंबर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमारन खान के एक जगह के लिए भारतीयों को बिना वीजा के ही एंट्री की इजाजत दे दी है। भारत के लोगों को पाकिस्तान में स्थित करतारपुर दरबार साहिब जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। यह सिखों के धर्मगुरू नानक देव का जन्मस्थान है। इस साल 550वें प्रकाश पर्व पर पाक प्रधानमंत्री ने यह राहत दी है।
उन्होंने कहा कि, "भारत से करतारपुर तीर्थयात्रा के लिए आने वाले सिखों के लिए मैं दो चीज़ों में छूट दे रहा हूं। पहली छूट यह कि उन्हें पासपोर्ट की आश्यकता नहीं है, उन्हें केवल वैध पहचान पत्र चाहिए और दूसरी यह कि उन्हें 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही गुरुजी के 550वीं जयंती और उद्घाटन के दिन उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।" हालांकि तीर्थयात्रियों को 20 डॉलर (1400 रूपये) का सेवा शुल्क देना अनिवार्य है।
यह पाकिस्तान के नारेवल में स्थित है और भारतीय सीमा से मात्र 3 किमी. दूर है। गुरुद्वारे को अब भारतीयों के लिए भी खोल दिया गया है। इस साल 550 वें प्रकाश पर्व पर भारत से कई जत्थे जाएंगे।
क्या है करतारपुर दरबार साहिब-
दुनिया भर में बसे सिखों के लिए पाक में स्थित करतारपुर दरबार साहिब बहुत महत्व रखता है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की यह जन्मस्थली है। इसके अलावा यही वो ज्योति में समा गए थे जिसके बाद गुरुद्वारा दरबार साहिब बनवाया गया। बाबा नानक देव यहां एक आश्रम में रहा करते थे उन्होंने 16 सालों तक अपना जीवन बिताया था।
करीब 20 साल तक भारतीय करतारपुर को दूरबीन से ही देखा करते थे लेकिन 20 साल बाद कॉरिडोर बनने के बाद यहां लोग बिना वीज़ा के जा सकते हैं। करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक साहिब को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल से जोड़ेगा। बॉर्डर से करतारपुर कुछ ऐसा दिखता था। 3 किमी. कोई बड़ी दूरी नहीं है जिसके कारण भारतीय सेना की मौैजूदगी में इसे दूरबीन से देखने जाया करते थे। पर अब सीधे यहीं जा सकेंगे।
भारत से दिखता है कुछ ऐसा-
करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है जो भारत के डेरा बाबा नानक से करीब 3 किलोमीटर दूरी है। दूरबीन से गुरुद्वारा दरबार साहिब को देखने का काम CRPF की निगरानी में होता है। वहीं बाघा बॉर्डर से भी इसे देखा जा सकता है। इस प्रसिद्ध धर्म स्थल का सिख समुदाय में बहुत महत्व है।
यह भारत से भी उतना ही खूबसूरत और भव्य दिखता है। अब जब 20 साल बाद करतारपुर कॉरिडोर बन चुका है तो भारतीय सिख यहां बिना वीज़ा के जा सकते हैं। अभी तक करतारपुर स्थित इस गुरुद्वारे को देखने के लिए श्रद्धालुओं को वीज़ा की जरुरत पड़ती थी।