न्यूज़ीलैंड के बाल कल्याण मंत्रालय में काम करने वाली भारतीय मूल की नेहा शर्मा और उनके पति अमनदीप ने ₹10 करोड़ से ज़्यादा का घोटाला किया। नेहा ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके सरकारी पैसा अपने पति की कंपनी को ट्रांसफर कर दिया।
न्यूज़ीलैंड के बाल कल्याण मंत्रालय (ओरंगा तमारिकी) से जुड़े एक घोटाले में एक भारतीय मूल के दंपति को दोषी पाया गया है। क्राइस्टचर्च में रहने वाली नेहा शर्मा, जो ओरंगा तमारिकी में प्रॉपर्टी और सुविधा प्रबंधक थीं, और उनके पति अमनदीप शर्मा इस घोटाले के पीछे थे। नेहा ने अपने पद का दुरुपयोग करके सरकारी धन अपने पति की कंपनी को ट्रांसफर कर दिया। न्यूज़ीलैंड हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, इससे बाल कल्याण एजेंसी को 2 मिलियन न्यूज़ीलैंड डॉलर (लगभग ₹10.1 करोड़) का नुकसान हुआ।
न्यूज़ीलैंड में बच्चों के मंत्रालय को 'ओरंगा तमारिकी' के नाम से जाना जाता है। पहले इसे 'कमजोर बच्चों का मंत्रालय' कहा जाता था। यह बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाला एक सरकारी विभाग है। 36 वर्षीय नेहा शर्मा इस विभाग में प्रॉपर्टी और सुविधा प्रबंधक के रूप में काम करती थीं। अपने पति के साथ मिलकर किए गए इस घोटाले के बाद उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने सहित कई आरोप लगाए गए। नेहा को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है। डिवाइन कनेक्शन लिमिटेड के निदेशक, उनके पति अमनदीप शर्मा ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया है। अमनदीप शर्मा को जून में सजा सुनाई जाएगी।
यह घोटाला बहुत ही सुनियोजित तरीके से किया गया था। दोनों ने अपने सहकर्मियों और परिचितों के सामने ऐसा व्यवहार किया जैसे उनका आपस में कोई संबंध ही न हो। नेहा ने सरकारी ठेके अपने पति की कंपनी को दिलाने के लिए कार्यालय के रिकॉर्ड में हेरफेर किया। उन्होंने मंत्रालय की स्वीकृत सूची में शामिल न होने वाली कंपनी को अनधिकृत रूप से काम दिया और उसे सूची में शामिल कर लिया। साथ ही, नेहा ने अपने सहकर्मियों को अमनदीप के साथ अपने रिश्ते के बारे में गुमराह किया। उन्होंने अपने पति की कंपनी को एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में पेश किया, जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने अपने निजी खर्चों के बिल भी विभाग के खातों में डालकर पैसे की हेराफेरी की।
2022 के अंत तक, नेहा के काम करने के तरीके पर उनके सहकर्मियों को शक होने लगा। उनके द्वारा संभाले गए इनवॉइस और नौकरी की नियुक्तियों को लेकर अन्य कर्मचारियों के बीच सवाल उठने लगे। बाद में हुई जांच में पता चला कि अमनदीप का व्यवसाय नेहा के घर के पते पर पंजीकृत था। जब उन्हें लगा कि घोटाला पकड़ा जाएगा, तो उन्होंने खुद को अलग-थलग महसूस करने का आरोप लगाते हुए मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद, न्यूज़ीलैंड के गंभीर धोखाधड़ी कार्यालय ने आपराधिक जांच शुरू की, जो मार्च 2023 में दंपति के घर पर छापेमारी के साथ समाप्त हुई। छापेमारी में पाया गया कि उन्होंने अवैध रूप से बहुत सारी संपत्ति अर्जित की थी। इनमें से कई संपत्तियों को भारत में स्थानांतरित कर दिया गया था और बाकी को भारत भेजने की तैयारी चल रही थी। छापेमारी के कुछ हफ्ते बाद ही, शर्मा और उनका परिवार 80 किलोग्राम सामान लेकर चेन्नई के लिए रवाना हो गए। उन्होंने अपनी संपत्ति बेचने की कोशिश की और कंपनी को गुमराह करके बताया कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। आखिरकार, जांच के बाद नेहा शर्मा को क्राइस्टचर्च के उच्च न्यायालय में पेश होना पड़ा। अभियोजकों ने आरोप लगाया कि वह चुराए गए पैसे वापस करने को तैयार नहीं थीं। फिलहाल नेहा न्यूज़ीलैंड में जेल की सजा काट रही हैं।