India Russia Oil Trade: भारत के ब्रिटेन में उच्चायुक्त विक्रम दोरैस्वामी ने रूस से तेल आयात को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना को खारिज कर दिया है। 

India Russia Oil Trade: कई साल से जारी रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच रूस का तेल अहम मुद्दा बना हुआ है। अमेरिका और पश्चिमी देशोें ने रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन भारत अपने आर्थिक हितों का ध्यान रखते हुए रूस से तेल खरीदता रहा है। अब लंदन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरैस्वामी ने रूस से तेल आयात को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना को खारिज करते हुए कहा है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को बंद नहीं कर सकता।

"अपनी अर्थव्यवस्था बंद नहीं कर सकते"

पिछले हफ्ते ब्रिटिश रेडियो स्टेशन टाइम्स रेडियो से बातचीत में उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देश भी उन देशों से दुर्लभ खनिज और अन्य ऊर्जा उत्पाद खरीद रहे हैं, जिनसे भारत को खरीदने से रोकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यह थोड़ा अजीब नहीं लगता?” दुनिया का तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश भारत सालों से मध्य पूर्व से तेल खरीदता रहा है। लेकिन फरवरी 2020 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने रूस के तेल पर प्रतिबंध लगा दिए थे।

खरीददार देशों को तेल के दामों में भारी छूट दे रहा रूस

इन प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए रूस ने खरीददार देशों को तेल के दामों में भारी छूट देनी शुरू की। इसके बाद से भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात शुरू किया है और इससे भारत को तेल सस्ते में मिल रहा है। अमेरिका और पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे या कम करे। लेकिन इस दबाव के बावजूद भारत जोर देकर कहता रहा है कि भारत को अपने आर्थिक हितों को प्राथमिकता देने का अधिकार है। वहीं, रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत के संबंधों पर पूछे गए सवाल पर दोरैस्वामी ने कहा कि यह संबंध कई कारकों पर आधारित है।

दोरैस्वामी ने पश्चिमी देशों को घेरा

उन्होंने कहा, “हमारा रूस के साथ लंबे समय से सुरक्षा संबंध रहा है, जो उस दौर से शुरू हुआ जब कुछ पश्चिमी देश हमें हथियार नहीं बेचते थे, लेकिन हमारे पड़ोसी देशों को हथियार बेचे, जिनका इस्तेमाल हमारे खिलाफ हुआ।” दोरैस्वामी ने यह भी कहा कि भारत का रूस के साथ ऊर्जा संबंध इसलिए बना, क्योंकि अन्य देशों ने उन स्रोतों से ऊर्जा खरीदी, जहां से भारत पहले खरीदता था।आगे उन्होंने कहा, "हमें ऊर्जा बाजार से काफी हद तक बाहर कर दिया गया, और लागत बढ़ गई। हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता हैं और 80% से अधिक उत्पाद आयात करते हैं। आप हमसे क्या चाहते हैं? अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें?"

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दोरैस्वामी बोले- हम आपसे वफादारी का कोई टेस्ट मांगते हैं?

उन्होंने यह भी जोड़ा कि कई देश अपनी सुविधा के लिए उन देशों के साथ संबंध बनाए रखते हैं, जो भारत के लिए परेशानी का कारण हैं। उन्होंने पूछा, “क्या हम आपसे वफादारी का कोई टेस्ट मांगते हैं?” रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बोलते हुए दोरैस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा है कि “यह युद्ध का युग नहीं है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के वार्ता भी की थी और बातचीत से युद्ध को निपटाने पर जोर दिया था।