सार
Pahalgam Attack: भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में पहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद प्रायोजित करने और क्षेत्र को अस्थिर करने का आरोप लगाया।
न्यूयॉर्क में आतंकवाद पीड़ित एसोसिएशन नेटवर्क के शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। पटेल ने भारत को "सीमा पार आतंकवाद का शिकार" बताया। इसके साथ ही पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के कबूलनामे का जिक्र किया। इसमें ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों को समर्थन दिया।
ग्लोबल टेररिज्म को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान
पटेल ने कहा, "पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को स्वीकार करते हुए सुना कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और पैसे देने का रहा है। इस कबूलनामे से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। इससे पाकिस्तान एक रोग स्टेट के रूप में उजागर हुआ है। यह वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इलाके को अस्थिर कर रहा है। दुनिया अब और आंखें मूंदकर नहीं रह सकती।"
पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की थी। कहा था कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। 15 देशों की परिषद ने आग्रह किया था कि आतंकवाद के आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी पहलगाम हमले की जिम्मेदारी
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसके चलते 26 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में अधिकतर पर्यटक थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह के प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी।
इसके बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। अटारी बॉर्डर बंद कर दिया था। इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को निलंबित की गई थी।