सार
कनाडा के खुफिया अधिकारी ब्रिटिश स्कूली छात्रा शमीमा बेगम को मानव तस्करी(human trafficking) करके सीरिया ले जाने में उनके संगठन की विवादास्पद भूमिका की जांच कराने को तैयार हो गए हैं।
वर्ल्ड न्यूज. 23 साल की शमीमा बेगम के सीरिया में आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट' में भर्ती होने के मामले ने कई देशों को चौंका दिया था। अब यह मामला फिर से चर्चा में है। दावा किया जाता रहा है कि 2015 में कथित तौर पर तस्करी करके शमीमा को सीरिया ले जाया गया था। इस इस मामले में लगातार नए मोड़ सामने आ रहे हैं। कनाडा के खुफिया अधिकारी(Canada's intelligence officials ) इस ब्रिटिश स्कूली छात्रा की कथित मानव तस्करी(human trafficking) में उनके संगठन की विवादास्पद भूमिका की जांच कराने को तैयार हो गए हैं। पिछले दिनों रिचर्ड केर्बज द्वारा पब्लिश 'द सीक्रेट हिस्ट्री आफ द फाइव आइज' में दावा किया गया था कि कनाडा ने इस मामले में निजी तौर पर अपनी भूमिका स्वीकार की है, फिर ब्रिटिश अधिकारियों से भी कवर-अप(बचाव) करने को कहा। कर्बज ने इसे कई मायनों में अपराध से भी बदतर बताया।
कनाडा की इंटेलिजेंस में घुसकर काम कर रहे मानव तस्कर
द गार्जियन(The Guardian) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने शमीमा बेगम के परिवार के वकील तसनीम अकुंजी को बताया कि एक मानव तस्कर (जो कनाडा की खुफिया जानकारी के लिए काम करता है) ने बेगम और उसके दो दोस्तों को पूर्वी लंदन से सीरिया में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने में मदद की। यह एक बड़ी चिंता का विषय है। हालांकि पिछले हफ्ते तक कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के सूत्रों ने इस मामले की सलाह लेने के लिए अपने वकील रखे थे। दरअसल, लंदन में मेट्रोपॉलिटन पुलिस को पता चला था कि इस तस्करी के पीछे CSIS से जुड़ा का एक मानव तस्कर शामिल है। शमीमा के वकील अकुंजी ने कहा-"मैंने CSIS के भीतर कुछ ऐसे व्यक्तियों से बात की है, जो शमीमा बेगम की तस्करी में संदिग्ध की भूमिका के लेकर बेहद चिंतित और हैरान। वे चाहते हैं कि इस मामले की जांच हो।"
अभी भी इस्लामिक स्टेट के साथ है शमीमा
जांच में सामने आया है कि शमीमा की दो अन्य दोस्त लड़कियों को भी मोहम्मद अल-रशीद नामक शख्स सीरिया में तस्करी करके ले गया था। यह आईएस और कनाडाई खुफिया दोनों के लिए काम करने वाला एक डबल एजेंट रहा है। माना जाता है कि शमीमा की दोस्त कदीजा सुल्ताना(तब 16 साल) एक एयर स्ट्राइक में मारी गई, जबकि अमीरा अभी भी लापता है। पिछले हफ्ते के खुलासे ने ब्रिटिश सरकार को इस मामले में पब्लिक सेफ्टी को लेकर नाकामी को देखते हुए नए सिरे से अलर्ट किया है। माना जा रहा है कि शमीमा बेगम अभी भी सीरिया के एक आतंकी कैम्प में फंसी हुई है।
बांग्लादेश का कहना है कि शमीमा का उससे कोई लेनादेना नहीं
शमीमा 2019 में अपनी ब्रिटिश नागरिकता को हटाने के खिलाफ भी अपील कर चुकी है। फरवरी 2015 में 15 साल की शमीमा ने अलावा कदीज़ा सुल्ताना और अमीरा अबेस के साथ अपना घर छोड़ दिया था। ये तीनों पूर्वी लंदन के बेथनल ग्रीन अकादमी की छात्राएं थीं। भागने के बाद ये तीनों आईएस में शामिल होने के लिए रिया निकल गई थीं। वह फरवरी 2019 में एक सीरियाई रिफ्यूजी कैम्प में वो 9 महीने की प्रेग्नेंट पाई गई थी। सीरिया में आतंकवादी नेटवर्क के एक डच लड़ाके से शमीमा ने निकाह कर लिया था। इसलिए उसे ISIS दुल्हन के रूप में जाना जाता है। उसने तीन बच्चों को जन्म दिया जिनमें से सभी की बाद में मौत हो गई।
इधर, वर्ष, 2020 में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन ने दो टूक कहा था कि शमीमा का बांग्लादेश से कोई लेना-देना नहीं है। न तो वह बांग्लादेशी नागरिक है और न ही दोनों देशों की दोहरी नागरिकता है। उसके पिता कभी बांग्लादेशी थे और फिर उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता ले ली। लेकिन उन्होंने बांग्लादेश के साथ दोहरी राष्ट्रीयता के लिए कभी आवेदन नहीं किया। यानी सरकार साफ कह चुकी है कि शमीमा को बांग्लादेश में अनुमति नहीं दी जाएगी।
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