सार
Hindus in Pakistan: पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। खतरनाक स्तर पर उनका पलायन हो रहा है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में सिंध से हिंदू समुदाय के खतरनाक पलायन पर गंभीर चिंता जताई है। हिंसा, भेदभाव, आर्थिक संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसे कारणों ने इस कमजोर अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी मातृभूमि छोड़ने पर मजबूर कर दिया है।
फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट की अहम बातें
फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट, 'पलायन: क्या हिंदू समुदाय सिंध छोड़ रहा है?' में राज्य की अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफलता उजागर हुई है। रिपोर्ट बताती है कि कई हिंदू परिवार भारत और अन्य देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। सिंध से हिंदुओं का पलायन केवल एक सामाजिक संकट नहीं बल्कि राज्य की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यह रिपोर्ट पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर नई बहस को जन्म देती है।
HRCP के अध्यक्ष असद इकबाल बट ने कहा कि सिंध में हिंदू समुदायों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के मामले अक्सर कम रिपोर्ट होते हैं। उन्होंने पलायन के कारण होने वाली सामाजिक और भावनात्मक लागत पर भी जोर दिया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि उच्च जाति के हिंदू परिवारों को आपराधिक गिरोहों द्वारा निशाना बनाकर जबरन वसूली की जाती है। इसे प्रांत में बिगड़ती कानून व्यवस्था का हिस्सा बताया गया है।
हिंदू महिलाओं पर विशेष खतरे
रिपोर्ट हिंदू महिलाओं की कठिनाइयों को भी उजागर करता है। रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू महिलाओं को अपहरण, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन और कम उम्र में विवाह का सामना करना पड़ता है। लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर देश की सत्ता तक इसे नजरअंदाज करती है।
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HRCP की सुझाव और सिफारिशें
HRCP की रिपोर्ट में पलायन को रोकने के लिए कई सिफारिशें की गई हैं:
- सिंध से हिंदुओं के पलायन पर विश्वसनीय डेटा एकत्र करना।
- अत्यधिक खतरा या हिंसा वाले क्षेत्रों में स्पेशल पुलिस या कानूनी अधिकारियों की तैनाती की जाए।
- जबरन धर्म परिवर्तन और बाल विवाह के खिलाफ कानून को मजबूत बनाना।
भारत में हिंदू प्रवासियों की चिंताएं
रिपोर्ट के निष्कर्ष भारत में बसे पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों की चिंताओं को भी उजागर करते हैं। ये प्रवासी अपनी मातृभूमि में इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर चुके हैं।
HRCP ने पत्रकार सोहेल सांगी के सुझावों का भी उल्लेख किया। सांगी ने सिंध और संघीय सरकारों से अपील की कि वे तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने पुलिस बलों में हिंदू समुदाय का बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और स्थानीय हिंदू समुदायों के साथ नियमित बातचीत के माध्यम से सुरक्षित वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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