सार
भगोड़े ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता (Lalit Modi acquired Vanuatu citizenship) ली। यह प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है। यहां अमीर लोगों को आसानी से नागरिकता दी जाती है।
Lalit Modi Vanuatu Citizen: IPL (Indian Premier League) के पूर्व अध्यक्ष और भगोड़े ललित मोदी फिर से चर्चा में हैं। उन्होंने Vanuatu नाम के देश की नागरिकता ली है। यह प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है।
ललित मोदी 15 साल पहले भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गए थे। भारत ने यूके की सरकार से अनुरोध किया है कि ललित मोदी का प्रत्यर्पण किया जाए। इस मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इस बीच भारत ले जाए जाने से बचने के लिए ललित मोदी ने नई चाल चली है। उन्होंने Vanuatu की नागरिकता ले ली है। इस देश की आबादी केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी से भी कम है।
ललित मोदी ने क्यों ली Vanuatu की नागरिकता?
ललित मोदी भारत के भगोड़े हैं। सभी देश उन्हें नागरिकता देने को तैयार नहीं होते। Vanuatu की स्थिति अलग है। यहां अमीर लोगों को आसानी से नागरिकता दी जाती है। Vanuatu की जनसंख्या 3 लाख से थोड़ी अधिक है। यहां की सरकार अमीरों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम (Golden Passport Program) चलाती है। इसके तहत धनी लोग 150,000 अमेरिकी डॉलर (1.3 करोड़ रुपए) देकर इस देश की नागरिकता खरीद सकते हैं। उन्हें पासपोर्ट भी मिल जाता है।
Vanuatu दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। इसका गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम सबसे तेज, सस्ते और आसान पासपोर्ट प्रोग्राम में से एक है। इससे वानुअतु के राजस्व का लगभग 40% हिस्सा आता है।
Vanuatu Passport से मिलती है 120 से अधिक देशों में visa-free एंट्री
Vanuatu की नागरिकता के साथ यहां का पासपोर्ट भी मिलता है। इस देश का पासपोर्ट होने से आप UK और यूरोपीय देशों सहित 120 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं। वानुअतु टैक्स हैवन भी है। यहां कोई इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स या वेल्थ टैक्स नहीं लगता है।
भारत के लोग नागरिकता लेने के लिए इस देश को खूब पसंद कर रहे हैं। पिछले 2 सालों में कम से कम 30 भारतीय (एनआरआई सहित) वानुअतु के नागरिक बने हैं। यहां सबसे ज्यादा पासपोर्ट चीनी नागरिकों को दिए गए हैं।