सार

पहले दोनों कार्पेट फैक्ट्री में मजदूर थे। आर्थिक तंगी से जूझ रहे समय में ही दोनों को लॉटरी लगी।

लॉटरी लग जाए तो क्या करेंगे, ऐसा ख्याल किसे नहीं आता? लॉटरी का टिकट न खरीदने वालों ने भी ये सोचा होगा। लेकिन, लॉटरी लगने के बाद इतनी बड़ी रकम मिलने पर भी अगर कुछ खास करने का मन न करे तो? ऐसा ही कुछ वेकफील्ड के दंपत्ति अमांडा और ग्राहम नील्ड के साथ हुआ। 

2013 में, उन्हें नेशनल लॉटरी में 6.6 मिलियन पाउंड (करीब 70 करोड़ रुपये) की लॉटरी लगी। आम तौर पर लोग लॉटरी लगने पर बड़ा घर लेने की सोचते हैं, लेकिन अमांडा और ग्राहम अपने पांच कमरों वाले घर को छोटा करना चाहते हैं। करोड़पति बनने के बाद भी, उनकी जीवनशैली सादगी भरी है। उनका कहना है कि उनके जीवन में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। 

59 वर्षीय अमांडा ने डेली स्टार को बताया, “लॉटरी लगने से पहले मैं ग्राहम से कहती थी कि अगर लॉटरी लगी तो मैं शॉपिंग करने पेरिस जाऊंगी। या फिर मैं उन कारों और घरों की ओर इशारा करती थी जो मैं खरीदना चाहती थी। लेकिन, लॉटरी लगने के बाद मुझे ऐसा कुछ नहीं चाहिए। यह अजीब लगता है।“ 

पहले दोनों कार्पेट फैक्ट्री में मजदूर थे। आर्थिक तंगी से जूझ रहे समय में ही दोनों को लॉटरी लगी। जिस दिन उन्हें लॉटरी लगी, उस दिन वे कार बूट सेल से लौटे ही थे। वे अमांडा के माता-पिता की देखभाल के लिए वहां जाने से पहले अपना सामान बेच रहे थे। 

लॉटरी लगने के बाद, दोनों ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक बंगला और एक इमारत बनवाई। वे अमांडा के बुजुर्ग माता-पिता की अच्छी तरह देखभाल कर पाए। यही लॉटरी लगने की सबसे बड़ी खुशी है, ऐसा वे कहते हैं। 

दंपत्ति का कहना है कि उन्हें महंगी चीजें खरीदना पसंद नहीं है और उन्होंने इस धन से अपने बच्चों या पोते-पोतियों को अमीर नहीं बनाया। आम तौर पर लोग लॉटरी लगने पर बड़े घर में जाना चाहते हैं, लेकिन अब यह दंपत्ति अपने बड़े बंगले को बेचकर तीन कमरों के छोटे घर में जाना चाहता है। 

(तस्वीर सांकेतिक है)