सार
चीन इन दिनों अपने देश में तेजी से बूढ़ी हो रही आबादी को लेकर चिंता में है। इसके लिए वो कई तरीके अपना रहा है, ताकि देश में बच्चों और युवाओं की संख्या बढ़ाई जा सके। हालांकि, नई पीढ़ी बढ़ती महंगाई और खर्च के चलते ज्यादा बच्चे पैदा करने को तैयार नहीं है। ऐसे में चीन ने एक अनोखा तरीका निकाला है।
China Worried About Population: चीन इन दिनों अपने देश में तेजी से बूढ़ी हो रही आबादी को लेकर चिंता में है। इसके लिए वो कई तरीके अपना रहा है, ताकि देश में बच्चों और युवाओं की संख्या बढ़ाई जा सके। हालांकि, नई पीढ़ी बढ़ती महंगाई और खर्च के चलते ज्यादा बच्चे पैदा करने को तैयार नहीं है। ऐसे में चीन ने एक अनोखा उपाय निकाला है। चीन के जिलिन प्रांत में आबादी बढ़ाने के लिए कुंवारी लड़कियों को IVF(इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए बच्चे पैदा करने की आजादी दे दी गई है।
इसलिए तेजी से घट रही चीन की आबादी :
चीन ने बढ़ती आबादी के चलते अपने देश में 1980 से 2015 तक यानी 35 साल तक एक बच्चे की पॉलिसी लागू कर दी थी। इससे चीन की न सिर्फ कंट्रोल हुई बल्कि घटने लगी। 2021 में चीन के अंदर करीब 1 करोड़ 6 लाख बच्चों ने जन्म लिया और इतने ही बच्चों की मौत हुई। ऐसे में चीन को अब इस बात की चिंता है कि अगले साल से उसकी आबादी में काफी गिरावट होने लगेगी। चीन में फिलहाल प्रति महिला प्रजनन दर 1.3 है।
आबादी बढ़ाने के लिए चीन ने अपनाई IVF नीति :
देश की जनसंख्या बढ़ाने के लिए चीन अब IVF नीति पर काम कर रहा है। इसके तहत वहां के अलग-अलग राज्य, जिले और शहरों में लड़कियों और महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। बता दें कि आबादी बढ़ाने के लिए 2015 में चीन ने 2 बच्चों की नीति लागू की थी। बाद में 2021 से चीन ने तीन बच्चों की पॉलिसी लागू कर दी है।
इस राज्य में 3 से ज्यादा बच्चों पर सवा लाख रुपए महीने :
चीन के एक प्रांत गांशू में तीसरे बच्चे के पैदा होने पर 3 साल तक हर महीने सवा लाख रुपए दिए जा रहे हैं। वहीं, दूसरे बच्चे के जन्म पर करीब 60 हजार रुपए हर महीने दिए जा रहे हैं। इसके अलावा चीन के कुछ राज्यों ने 3 बच्चों वाले परिवार से घर के कराए में 15% छूट देने का नियम लागू किया है।
महिलाओं ने की ये डिमांड :
चीन के बड़े शहरों बीजिंग और शंघाई में मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) 1 महीने और बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही कंपनियों को पैटरनिटी लीव (पितृत्व अवकाश) बढ़ाने के लिए कहा गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की महिलाओं की डिमांड है कि गांशू प्रांत की तरह सरकार हर राज्य और शहरों में महीने की सवा लाख रुपए सब्सिडी दे, तभी औरतें ज्यादा बच्चों के बारे में विचार करेंगी।
शादी के लिए चीन ने रखी ये शर्त :
हुनान प्रांत के एक जिले में ‘ऑपरेशन बेड वार्मिंग’ शुरू किया जा रहा है। इसके तहत लड़कियों को पढ़ाई या नौकरी के लिए बड़े शहरों में जाने की परमिशन नहीं होगी। उन्हें लोकल लड़कों से ही शादी करनी होगी। इस योजना के समर्थकों का मानना है कि शादी पर्सनल फ्रीडम का सब्जेक्ट नहीं बल्कि उस भावी पीढ़ी की जिम्मेदारी है, जो समाज के विकास में अपना योगदान दे सकती है।
क्या है आईवीएफ?
अगर कोई महिला किसी पुरुष से शारीरिक संबंध बनाए बिना ही मां बनाना चाहती हैं तो ऐसी तकनीक को IVF (In Vitro Fertilisation) कहते हैं। इसमें महिलाओं की ओवरी से अंडे निकाल कर पुरुषों के स्पर्म से मिलाकर एम्ब्रयो (भ्रूण) तैयार किया जाता है। बाद में इस भ्रूण को महिला के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
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