सार
China US Trade War 2025: अमेरिका के 104% टैरिफ के जवाब में चीन ने सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 84% शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह कदम ग्लोबल ट्रेड को 1930 के दशक के बाद सबसे बड़े संकट की ओर धकेल रहा है।
China US Trade War 2025: चीन और अमेरिका में शुरू हुअए ट्रेड वार से ग्लोबल इकोनॉमी धड़ाम होती दिख रही है। एक दिन पहले ट्रंप के चीन पर लगाए गए 104 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में ड्रैगन ने अमेरिका पर 84 प्रतिशत टैरिफ थोप कर हड़कंप मचा दिया है। खतरनाक मोड़ की ओर रूख कर चुके इस टैरिफ वॉर से दुनिया के तमाम देश सकते में हैं। बुधवार को चीन के वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि वह 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 84% आयात शुल्क (Tariff) लगाएगा। चीन ने अमेरिकी नीतियों को घमंडी और धमकाने वाला व्यवहार करार देते हुए यह स्पष्ट किया कि वह अंत तक लड़ाई के लिए तैयार है।
टैरिफ युद्ध का टाइमलाइन
- 1 अप्रैल: ट्रंप ने Liberation Day Tariff के नाम पर 34% अतिरिक्त शुल्क की घोषणा की।
- 5 अप्रैल: चीन ने प्रतिक्रिया में 34% टैरिफ और रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) पर निर्यात प्रतिबंध की घोषणा की।
- 7 अप्रैल: ट्रंप ने और 50% टैक्स जोड़ते हुए चीन पर कुल 104% टैरिफ लागू किया।
- 9 अप्रैल: चीन ने अब इसे बढ़ाकर 84% कर दिया है, जो 10 अप्रैल से लागू होगा।
ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट Truth Social पर लिखा कि चीन डील करना चाहता है लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि शुरुआत कैसे करें। हम उनके कॉल का इंतज़ार कर रहे हैं। हालांकि, चीन की तरफ से किसी भी प्रकार की बातचीत की इच्छा नहीं जताई गई है।
अमेरिकी बाजारों पर गहराया संकट, चीन ने दिया बड़ा झटका
नई टैरिफ घोषणाओं के बाद Dow, S&P 500 और Nasdaq जैसे प्रमुख अमेरिकी स्टॉक इंडेक्स 1% से ज्यादा गिरावट में आ गए। e-minis फ्यूचर्स में भारी गिरावट देखी गई है। अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने कहा कि चीन के लिए यह घातक साबित होगा। वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली में सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता हैं। उन्होंने ये भी संकेत दिए कि चीनी कंपनियों को अमेरिकी शेयर बाज़ारों से हटाया जा सकता है।
व्यापारिक आंकड़े और वैश्विक व्यापार पर खतरा
2024 में अमेरिका ने चीन को $143.5 बिलियन का निर्यात किया था। उसी साल चीन से अमेरिका ने $438.9 बिलियन का आयात किया था।
यह टैरिफ युद्ध 1930 के दशक के बाद वैश्विक व्यापार का सबसे बड़ा संकट बनता जा रहा है। रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन का एक्सपोर्ट बैन टेक इंडस्ट्री पर बड़ा असर डाल सकता है।