सार

पाकिस्तान में बुधवार रात 4.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे क्वेटा से मुल्तान तक लोग दहशत में आ गए। जानें क्या है पूरी जानकारी।

Pakistan earthquake: पाकिस्तान में बुधवार रात 4.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसके चलते क्वेटा से मुल्तान तक झटके महसूस हुए। डर के मारे लोग अपने घर से बाहर आ गए। अभी किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है। पाकिस्तान पहले से पानी की कमी से जूझ रहा है। अब भूकंप ने दहला दिया है। इसके चलते कुछ लोग कह रहे हैं कि लगता है कुदरत भारत के साथ है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दिया है। 

 

 

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप रात करीब 10:00 बजे आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.4 थी। भूकंप का केंद्र 50 किलोमीटर की गहराई में था। यह भूकंप रविवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्वात और आस-पास के इलाकों में आए 4.4 तीव्रता के भूकंप के दो दिन बाद आया है।

भूकंप का केंद्र हिंदू कुश क्षेत्र में स्थित था। इसकी उत्पत्ति 185 किलोमीटर की गहराई पर हुई। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों ने सोशल मीडिया पर भूकंप के झटके महसूस होने की सूचना दी। कई लोगों को एहतियात के तौर पर घरों को खाली कर दिया था।

12 अप्रैल को पाकिस्तान में आया था 5.8 तीव्रता का भूकंप

इससे पहले 12 अप्रैल को पाकिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। NCS (National Centre for Seismology) के अनुसार भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया था। इसके बाद के झटकों की आशंका बनी हुई है।

पाकिस्तान में क्यों ज्यादा आते हैं भूकंप

बता दें कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय देशों में से एक है। यह कई प्रमुख दोषों से घिरा हुआ है। इसके चलते यहां अक्सर भूकंप आते हैं। कई तो विनाशकारी होते हैं।

पाकिस्तान भूगर्भीय रूप से यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों को ओवरलैप करता है। बलूचिस्तान, संघ प्रशासित जनजातीय क्षेत्र, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत ईरानी पठार पर यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं। सिंध, पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर प्रांत दक्षिण एशिया में भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं। इस क्षेत्र भयंकर भूकंपों के आने का खतरा बना रहता है। यहां दो टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं।