सार

जम्मू कश्मीर में अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पाने वाले, देशभर के हजारों परिवारों की ओर से हम प्रधानमंत्री मोदी से संचार पाबंदियां हटाने और मानवीय चिंताओं को दूर करने का अनुरोध करते हैं।


वाशिंगटन. भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने 13 अन्य अमेरिकी सांसदों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंताओं को दूर करने तथा संचार पाबंदियां हटाने का अनुरोध किया। कांग्रेस सदस्य गिल्बर्ट आर. सिसनेरोस, जूनियर जूडी चू, प्रमिला जयपाल, कैरोलिन मैलोनी, गेराल्ड कोनोली, इल्हान उमर, बारबरा ली, अल ग्रीन, जो लोफग्रेन, एंडी लेविन, माइक लेविन, जेम्स पी. मैकगवर्न, जैन शाकोव्स्की तथ कैटी पोर्टर द्वारा प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए संयुक्त रूप से एक बयान जारी किया गया। सांसदों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पाने वाले, देशभर के हजारों परिवारों की ओर से हम प्रधानमंत्री मोदी से संचार पाबंदियां हटाने और मानवीय चिंताओं को दूर करने का अनुरोध करते हैं।’’

5 अगस्त को लागू की गई थी पाबंदियां

जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त को उस समय पाबंदियां लागू की गई जब राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया और उसे 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया गया। बयान में कहा गया है, ‘‘भारत, अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। जैसे कि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार नेतृत्व का प्रदर्शन करेगी और इन प्रतिबंधों को हटाएगी। जम्मू कश्मीर के लोगों को भी बराबर के अधिकार मिलने चाहिए जैसे कि भारत के अन्य नागरिकों को मिलते हैं।’’गौरतलब है कि घाटी के कई हिस्सों में समय गुजरने के साथ ही स्थिति में सुधार होने के चलते चरणबद्ध तरीके से पाबंदियां हटा दी गई हैं।

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]