सार
रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के चलते अमेरिका भारत के खिलाफ CAATSA के तहत प्रतिबंध लगा सकता है। भारत को छूट देने पर फैसला नहीं हुआ है।
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद पर भारत को ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट' (CAATSA) से किसी भी संभावित छूट पर अब तक फैसला नहीं लिया है। अमेरिकी कांग्रेस ने CAATSA को 2017 में लागू किया था। इसे रूस की रक्षा और खुफिया कंपनियों के साथ खरीद-फरोख्त करने वाले देशों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए बनाया गया है।
बाइडन प्रशासन ने कहा कि इस कानून में देश-विशिष्ट छूट का प्रावधान नहीं है और इस विषय से संबंधित द्विपक्षीय बातचीत जारी रहेगी। अमेरिका के विदेश विभाग की यह टिप्पणी भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली मिलना शुरू होने के एक सप्ताह बाद और रिपब्लिकन एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष सांसदों द्वारा भारत पर CAATSA के तहत प्रतिबंध नहीं लगाने के अनुरोध के बीच आई है।
किसी देश को छूट का प्रावधान नहीं
विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपनी ‘‘रणनीतिक साझेदारी'' को महत्व देता है। हालांकि उन्होंने यह कहकर इस मुद्दे पर रहस्य बनाए रखा कि CAATSA में किसी देश-विशिष्ट को छूट का प्रावधान नहीं है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘एस-400 प्रणाली की आपूर्ति पर आपको भारत सरकार से प्रश्न करना चाहिए, लेकिन जब अधिनियम की बात आती है तो न केवल भारतीय बल्कि अधिक व्यापक संदर्भ में भी अमेरिका ने अपने सभी सहयोगियों, सभी भागीदारों से रूस के साथ लेन-देन त्यागने का आग्रह किया है, अन्यथा कात्सा के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का जोखिम हो सकता है। हमने रूस के साथ भारत के हथियार लेन देन के संबंध में छूट पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।
प्राइस ने कहा, ‘‘कात्सा में किसी प्रकार के देश-विशिष्ट छूट का प्रावधान नहीं है। हम यह भी जानते हैं कि हाल के वर्षों में भारत के साथ हमारे रक्षा संबंधों का विस्तार हुआ है और ये काफी प्रगाढ़ हुए हैं।'' प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे रक्षा संबंधों में यह मजबूती जारी रहेगी। हम निश्चित रूप से भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को महत्व देते हैं।''
बता दें कि कात्सा एक अमेरिकी कानून है जो प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने की मंजूरी देता है जो 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप की खबरों के बाद रूस से प्रमुख रक्षा साजो-सामान खरीदते हैं। अक्टूबर 2018 में भारत ने पांच एस-400 वायु रक्षा मिसाइल तंत्र की खरीद के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। उस वक्त पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाए जाने की चेतावनी भी दी थी।
तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुका है अमेरिका
अमेरिका इससे पहले रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की खरीद के लिए तुर्की पर कात्सा के तहत प्रतिबंध लगा चुका है। तुर्की पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका भारत पर भी ऐसे ही दंडात्मक प्रतिबंध लगा सकता है। पिछले महीने अमेरिकी सांसदों और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष मार्क वार्नर और जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिखा था जिसमें रूस से सैन्य हथियार खरीदने पर भारत के खिलाफ कात्सा के तहत प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया गया था।
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