सार
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में वैसे तो मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस और उसका गठबंधन अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। कांग्रेस ने 39 और प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इससे पहले 34, 13 और 3 उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां अब अपने चरम पर हैं। पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में वैसे तो मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस और उसका गठबंधन अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। कांग्रेस ने 39 और प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इससे पहले 34, 13 और 3 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। कांग्रेस की नई लिस्ट में पांचवें, छठवें, सातवें और आठवें चरण की वोटिंग के लिए उम्मीदवारों के नाम हैं। इस बार कांग्रेस यहां लेफ्ट और इंडियन सेक्युलर फ्रंट(ISF) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। सीटों के बंटवारे में कांग्रेस के खाते में 92 सीटें आई हैं। कांग्रेस अब तक 89 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है।
जानें क्या है गणित
इस संबंध में कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी का तर्क है कि अगर कांग्रेस लेफ्ट के साथ गठबंधन नहीं करती, तो उसका वोट प्रतिशत बढ़ता। बता दें कि अभिजीत पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 5.67 प्रतिशत वोट मिले थे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव
बता दें कि बंगाल की 294 सीटों के लिए 8 चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में 294 में से 30 सीटों पर 27 मार्च को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवे चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी।