बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और BNP की दिग्गज नेता खालिदा ज़िया का 80 साल की उम्र में निधन। जानिए उनका राजनीतिक सफर, शेख हसीना से पुराने संघर्ष की कहानी क्या है?
ज़िया ने 1991-96, 1996 (संक्षिप्त) और 2001-06 तक बांग्लोदश की प्रधानमंत्री रहीं। उनके कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक सुधार के साथ राजनीतिक टकराव चरम पर था।
1981 में पति और राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या के बाद खालिदा ज़िया राजनीति में आईं। 1991 में उन्होंने BNP को सत्ता में पहुंचाया और बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
खालिदा ने 1983 में बांग्लादेश सेना के पूर्व प्रमुख जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद के शासन को खत्म करने के लिए सात-पार्टी गठबंधन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
खालिदा ज़िया और शेख हसीना की प्रतिद्वंद्विता को “बेगमों की लड़ाई” कहा गया। यह संघर्ष तीन दशकों तक बांग्लादेश की राजनीति को दिशा देता रहा।
2018 में भ्रष्टाचार मामलों में उन्हें सज़ा हुई, जिसे BNP ने राजनीतिक साज़िश बताया। 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें रिहाई और राहत मिली।
ज़िया के बड़े बेटे तारिक रहमान BNP के कार्यवाहक चेयरमैन हैं और पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। छोटे बेटे अराफात रहमान कोको का 2015 में निधन हो चुका है।
खालिदा के निधन के बाद क्या बांग्लादेश का अगला पीएम BNP से होगा? तारिक रहमान की भूमिका, जनता का मूड और सत्ता संतुलन तय करेगा कि उनकी राजनीतिक विरासत सत्ता तक पहुंचेगी या नहीं।
लिवर सिरोसिस, डायबिटीज और दिल की बीमारी से जूझते हुए 30 दिसंबर 2025 को ढाका के एवरकेयर अस्पताल में उनका निधन हुआ।