केंद्र सरकार सेटेलाइट रिमोट सेंसिंग सर्वे की मदद से एक्सप्रेसवे की योजना को सटीक बनाने का काम कर रही है। एनएचएआई ने यह प्रक्रिया शुरू की है।
यह नया एक्सप्रेसवे मुरादाबाद जिले में 45 किमी की दूरी तय करेगा। मंडल के पांच जिले इस परियोजना में शामिल होंगे।
यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पश्चिम से पूरब तक 700 किमी लंबा होगा और 22 जिलों को आपस में जोड़ेगा।
शामली से गोरखपुर जाने की मौजूदा दूरी 850 किमी है, जो इस एक्सप्रेसवे से घटकर 700 किमी हो जाएगी।
यह एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तरह फोरलेन होगा, जहां आपात स्थिति में लड़ाकू विमान उतर सकते हैं।
यह एक्सप्रेसवे अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे ट्रैफिक नेटवर्क बेहतर होगा।
एनएचएआई के अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट एजेंसी से लेकर मंत्रालय को भेजी जाएगी, फिर डीपीआर तैयार होगी।
सेटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर फाइनल रूट तय किया जाएगा। सभी ज़िले और मार्ग परीक्षण के बाद तय होंगे।
22 जिले शामिल: शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, लखनऊ, बरेली, अयोध्या, गोरखपुर आदि। यह योजना यूपी के विकास में अहम साबित होगी।