जानिए भारत के दिल मध्य प्रदेश के उन 10 प्रसिद्ध मंदिरों को, जहां अध्यात्म, रहस्य और कला का अद्वितीय संगम आपको एक अलग ही दुनिया का अहसास कराएगा।
खजुराहो के मंदिर, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, चंदेल वंश के स्थापत्य वैभव का प्रतीक हैं। यहाँ की सुंदर मूर्तियाँ और जटिल नक्काशियाँ भारतीय कला के स्वर्ण युग की झलक देती हैं।
भगवान शिव को समर्पित महाकालेश्वर मंदिर अपनी अद्वितीय 'भस्म आरती' और शक्तिशाली आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए विख्यात है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
नर्मदा नदी के बीच बसा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, तीर्थयात्रियों के लिए एक स्वर्ग है। इसकी शांतिपूर्ण वातावरण और पवित्रता इसे एक अद्वितीय तीर्थ स्थल बनाती है।
महेश्वर, नर्मदा किनारे बसा एक ऐतिहासिक नगर, अपने प्राचीन मंदिरों और रेशमी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। अहिल्या किला से नर्मदा के दृश्य अविस्मरणीय हैं।
चौसठ योगिनी मंदिर 9वीं-10वीं सदी का निर्माण है, जो रहस्यमयी वातावरण और मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
भोपाल के पास स्थित इस अधूरे मंदिर में विशाल शिवलिंग है। राजा भोज द्वारा बनवाया गया यह स्थल स्थापत्य इतिहास का एक अनूठा उदाहरण है।
खजुराहो का सबसे भव्य और जटिल रूप से नक्काशीदार मंदिर, कंदरिया महादेव, भगवान शिव को समर्पित है और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
महाकालेश्वर मंदिर के समीप स्थित यह मंदिर भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालु आशीर्वाद लेने अवश्य आते हैं।
यह प्राचीन मंदिर अभी भी सक्रिय पूजा स्थल है और खजुराहो के ऐतिहासिक परिसर में एक आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना हुआ है।
दतिया जिले में स्थित सोनागिरी, जैन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है, जहाँ सैकड़ों प्राचीन जैन मंदिर शांत वातावरण में बसे हैं।