भगवान बद्रीनाथ से पहले क्यों लगाते हैं ‘कॉकरोच’ को भोग?
Spiritual May 06 2025
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
Hindi
4 धाम में से एक है बद्रीनाथ
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ भी शामिल है। ये मंदिर बहुत ही प्राचीन है। इससे जुड़ी कईं विशेष मान्यताएं और परंपराएं भी हैं, जो इसे और भी खास बनाती हैं।
Image credits: adobe stock
Hindi
कॉकरोच को लगाते हैं भोग
बद्रीनाथ मंदिर में भगवान को भोग लगाने से पहले कईं जीव-जंतुओं को भोग लगाया जाता है, इनमें कॉकरोच भी शामिल है। सुनने में ये बात अजीब लगे लेकिन ये पूरी तरह से सच है।
Image credits: Gemini
Hindi
कॉकरोच को कहते हैं झोड़ू सांगला
कॉकरोच को उत्तराखंड की स्थानीय भाषा में झोड़ू सांगला कहते हैं। प्रतिदिन दोपहर में भगवान बद्रीनाथ को राजभोग लगाया जाता है। लेकिन इसके पहले कॉकरोच को भोग लगाने की परंपरा है।
Image credits: adobe stock
Hindi
इसलिए लगाते हैं कॉकरोच को भोग
मान्यता है कि भगवान बद्रीनाथ राजभोग ग्रहण करने से पहले सभी जीव-जंतुओं को तृप्त करते हैं। इसी मान्यता के चलते अन्य पशु-पक्षियों के साथ कॉकरोच को भी भोग लगाया जाता है।
Image credits: Gemini
Hindi
किस चीज का लगाते हैं भोग?
बद्रीनाथ मंदिर में रोज दोपहर के समय कॉकरोचों को चावल का भोग लगाने की परंपरा हैं जो तप्तकुंड के पास गरुड़ कुटी में रखा जाता है। इसके बाद ही भगवान को भोग लगाते हैं।
Image credits: Gemini
Hindi
इन जीव-जंतुओं को भी लगाते हैं भोग
बद्रीनाथ मंदिर में कॉकरोच के साथ-साथ गाय और पक्षियों को भी भोग लगाया जाता है। इस परंपरा की शुरूआत 8वीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी, ऐसा कहा जाता है।