जानिए उस महिला की कहानी, जिसने बनाया दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल
National Jun 08 2025
Author: Surya Prakash Tripathi Image Credits:X
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17 साल की एक महिला की साइलेंट संघर्षगाथा
Chenab Bridge story: 359 मीटर ऊंचाई, कश्मीर की घाटियां, और 17 साल की एक महिला की साइलेंट संघर्षगाथा—मिलिए उस शख्सियत से, जिसकी कहानी जितनी प्रेरक है, उतनी ही रहस्यमयी भी।
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इतिहास रचने वाली महिला
IISc की पहली महिला फैकल्टी बनीं माधवी लता ने 17 साल तक चेनाब ब्रिज पर काम करके दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज को साकार किया। यह उनकी जिद, लगन और जुनून की कहानी है।
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जब शौचालय भी सपना था
2004 में IISc जॉइन करने पर महिलाओं के लिए शौचालय तक नहीं था। माधवी ने इसके लिए आवाज़ उठाई और बदलाव लाकर महिला इंजीनियरों के लिए राह आसान की।
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‘मिट्टी भी इंसान की तरह सोचती है’
IIT मद्रास से पढ़ीं माधवी मानती हैं कि मिट्टी भी अलग परिस्थितियों में अलग व्यवहार करती है। यही सोच उन्हें जियोटेक्निकल एक्सपर्ट बनाती है।
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हर कदम पर सताता था अनजाना डर
साइट विजिट्स के दौरान लोग उन्हें सावधान रहने को कहते, जैसे महिला होना कमजोरी हो। मगर माधवी ने इन सूक्ष्म पूर्वाग्रहों को नजरअंदाज कर खुद को साबित किया।
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ऊंचाइयों पर बीती जागी रातें
चेनाब ब्रिज के हर ढलान, कटिंग और सुरक्षा पहलू में माधवी की सीधी भूमिका थी। कई रातें जागकर उन्होंने डिजाइनों की बारीक मॉनिटरिंग की।
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चेनाब ब्रिज – एफिल टॉवर से ऊंचा
359 मीटर ऊंचा चेनाब ब्रिज भारत की सबसे कठिन और खतरनाक भूगर्भीय परिस्थितियों में बना है, जो अब कश्मीर को भारत से जोड़ता है।
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हर लड़की के लिए एक मिसाल
माधवी लता की जर्नी यह सिखाती है कि जब आप में जुनून हो, तो कोई भी सामाजिक रुकावट या तकनीकी चुनौती आपको रोक नहीं सकती।
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जुनून से बना पुल, हौसले से पार
चेनाब ब्रिज सिर्फ एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि एक महिला के हौसले का प्रतीक है। जानिए कैसे माधवी लता ने इसे हकीकत में बदला।