बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी असली पहचान छुपाकर रखा है। सामाजिक डर की वजह से वो अपनी खुशी दबा लेते हैं। ये कहानी एक ऐसे लड़के की है, जिसे लड़कियां नहीं पसंद।
गुमनाम लड़के ने रेडिट पर लिखा कि उसके माता-पिता लड़की के शादी करना चाहते हैं, लेकिन उसके मन में लड़की को लेकर अट्रैक्शन नहीं हैं। उसे लड़के पसंद है। कैसे पैरेंट्स को बताऊं।
भारतीय समाज में आज भी पैरेंट्स को गे और लेस्बियन कॉन्सेप्ट समझ नहीं आता है। लेकिन आपको अपना सच उनके सामने रखना होगा। आइए बताते हैं, आप क्या कर सकते हैं।
किसी और को बताने से पहले यह जरूरी है कि आप खुद अपने सच को लेकर स्पष्ट और आत्मविश्वासी हों। गे होना कोई फेज, गलती या इलाज की जरूरत वाली बात नहीं है। यह आपकी पहचान का हिस्सा है।
यह बातचीत जल्दबाजी या गुस्से में न करें। ऐसा समय चुनें जब माहौल शांत हो और पैरेंट्स सुनने की स्थिति में हों। एक साथ पूरा परिवार नहीं, पहले किसी एक समझदार पैरेंट से बात करें।
पैरेंट्स को घुमा फिराकर मत बताएं। इससे उनके मन में भ्रम पैदा होगा। उन्हें स्पष्ट शब्द में बताएं कि मैं आपकी इज्जत करता हूं, लेकिन मैं लड़की से शादी नहीं कर सकता क्योंकि मैं गे हूं।
ऐसा बताने के बाद उनका गुस्सा, इंकार या चुप्पी कुछ भी हो सकता है।शुरुआत में स्वीकार न करना आम बात है। यह उनकी जर्नी भी है, जैसे यह आपकी रही है। उन्हें समय दें।
सिर्फ पैरेंट्स को खुश करने के लिए लड़की से शादी करना तीन जिंदगियों को नुकसान पहुंचा सकता है। आपकी, उस लड़की की और भविष्य में बच्चों की। यह बात उन्हें शांति से समझाना जरूरी है।
आपको लगता है कि सच बताने से आपकी सुरक्षा, मेंटल हेल्थ या आजादी खतरे में पड़ सकती है, तो तुरंत सब कुछ बताना जरूरी नहीं। सच बताना अधिकार है, मजबूरी नहीं। (सारे फोटो प्रतीकात्मक है)