अचार में 1–2 चम्मच सिरका या नींबू का रस डालने से तीखी गंध कम होती है और अचार ज्यादा समय तक खराब नहीं होता।
सरसों का कच्चापन भी बदबू बढ़ाता है। तेल को धुआं उठने तक गरम कर ठंडा करें, फिर अचार में डालें।
कद्दूकस करने से मूली ज्यादा पानी छोड़ती है, जिससे बदबू तेज हो जाती है। लंबे टुकड़ों में काटने से स्मेल कंट्रोल रहती है।
ये मसाले बदबू सोखने के साथ स्वाद भी बढ़ाते हैं। खासतौर पर सौंफ मूली की तीखी गंध को बैलेंस करती है।
मूली में नमक लगाकर 5–6 घंटे धूप में सुखाएं। इससे अतिरिक्त नमी निकल जाती है और बदबू काफी हद तक खत्म हो जाती है।
अचार बनने के बाद 2–3 दिन रोज धूप में रखें और लकड़ी के चम्मच से चलाएं। इससे फर्मेंटेशन सही होता है और बदबू नहीं आती।
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