केंद्रीय विद्यालय (KVS) और नवोदय विद्यालय (NVS) में एडमिशन मिलना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है, क्योंकि सीटें सीमित होती हैं और आवेदन करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा।
कई माता-पिता आज भी Kendriya Vidyalaya और Navodaya Vidyalaya के फर्क को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। कौन सा स्कूल किस बच्चे के लिए सही रहेगा? फीस कितनी है? एडमिशन कैसे होता है? जानिए
केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय, दोनों ही केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्कूल हैं और CBSE बोर्ड से जुड़े हुए हैं। यहां कम फीस में अच्छी पढ़ाई मिलती है।
केंद्रीय विद्यालय ब्रांच देश के लगभग हर शहर-कस्बे में हैं। कुछ KVS विदेशों में भी चलते हैं। लेकिन नवोदय विद्यालय सीमित है। ये केवल भारत में, ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में हैं।
केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन ऑनलाइन प्रक्रिया से होता है। इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है। सीटों के आधार पर लिस्ट जारी होती है।
नवोदय विद्यालय में क्लास 6 के लिए प्रवेश परीक्षा होती है। इस परीक्षा के आधार पर मेरिट लिस्ट बनती है और किसी भी सरकारी कर्मचारी के बच्चे को अलग से कोई प्राथमिकता नहीं मिलती।
KVS में ट्यूशन फीस तो कम होती है, लेकिन यूनिफॉर्म, किताबें और ट्रांसपोर्ट का खर्च माता-पिता को उठाना पड़ता है। नवोदय विद्यालय में पढ़ाई, हॉस्टल, खाना और किताबें मुफ्त मिलती हैं।
नवोदय विद्यालय का माहौल काफी अनुशासित और प्रतियोगी माना जाता है। यह रेजिडेंशियल सिस्टम पर चलता है। यहां बच्चे 24×7 हॉस्टल में रहते हैं और पूरा फोकस पढ़ाई पर होता है।
केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई का माहौल थोड़ा रिलैक्स्ड होता है। स्कूल का समय आमतौर पर 6 से 7 घंटे का होता है और बच्चे रोज घर आते-जाते हैं।