सार
वाराणसी में टेंट सिटी को लेकर संत और महंत आमने सामने नजर आ रहे हैं। टेंट सिटी के निर्माण के दौरान कुछ व्यवस्थाओं को लेकर यह नाराजगी देखी जा रही है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
अनुज तिवारी
वाराणसी: काशी के गंगा तट पर टेंट सिटी बसी हुई है। गंगा किनारे रेत पर बसने वाली टेंट सिटी में काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का भी आयोजन किया जाएगा। यहां से पर्यटक खुद भी माँ गंगा की आरती कर सकेंगे। तमाम तैयारियों को अब अब अंतिम रूप देने का काम जारी है। आपको बता दें कि गंगा के किनारे तम्बुओं के इस शहर से पर्यटक खूबसूरत धनुषाकार घाटों का नजारे का लुत्फ भी उठा सकेंगे। टेंट सिटी की शुरुआत 15 जनवरी 2023 से होनी प्रस्तावित है। निर्धारित समय को लेकर ही तमाम काम किए जा रहे हैं।
संकट मोचन मंदिर के महंत ने जताया दुःख
एक ओर जहां काशी में टेंट सिटी को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे काशी का विकास बताया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मां गंगा के किनारे बनने वाले टेंट सिटी पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने ट्वीट के जरिए गंगा पार रेत पर गंदगी को लेकर सवाल उठाते हुए लिखा है कि "5०० से ज्यादा लेबर काशी के गंगा रेती पर टेंट सीटी बनाने में लगे हैं और पूरे रेती को अपना शौचालय बना दिया है। शौच के बाद तो माँ #गंगा का जल ही है। रेती इस मय मल से पटा पड़ा है और गंगा का किनारा बदबू कर रहा! अब उसपार भी यही कहानी।" उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि "गंगा जी के उस पार अब टेंट सिटी बन रहा है। इसका मल-जल कहाँ जाएगा लोग पूछ रहे थे। वैसे शहर का मल-जल तो अभी भी गंगा जी में ही जा रहा है। रेत में नहर पिछले वर्ष बना और ग़ायब हो गया।अब फिर एक नया प्रयोग। बस देखते जाइए।"
टेंट सिटी के समर्थन में आए सतुआ बाबा आश्रम के महंत
सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास ने बताया कि,’सवाल उठाने वाले संत-महंतों को यह पता होगा कि टेंट सिटी कोई नया नहीं बल्कि कई वर्षों से कुम्भ के दौरान प्रयागराज में संगम तट पर लगाया जाता है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए वहां लाखों लोग आते हैं। टेंट सिटी में संत महंत रहते हैं और कल्पवास करते हैं। वैसे ही अध्यात्म को यहां टूरिज्म से जोड़ा जा रहा है। इस टेंट सिटी में रहने वाले लोग यहां गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करेंगे और काशी के आध्यात्म में रंग जाएंगे।'
'अध्यात्मिक नगरी को अध्यात्म से जोड़ा जाएगा'
टेंट सिटी के जनरल मैनेजर वरूण कुमार पाण्डेय ने कहा कि यह अध्यात्म की नगरी है और जो भी यहां आ रहा है वाह अध्यात्म का अनुभव करने आ रहा है इसलिए टेंट सिटी में पूरी तरह से शाकाहारी भोजन दिया जाएगा और मांस, मंदिरा एवं धूम्रपान पूरी तरह से निषेध होगा। उन्होंने कहा कि जो भी टेंट सिटी में आ रहे हैं उनको मेल के माध्यम से यह अनुरोध भी किया जाएगा कि वह इस गरिमा को बनाए रखें। वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से सीवेज को लेकर विरोध हो रहा है सरकारी विभागों द्वारा सीवेज पॉइंट को रामनगर की तरफ एक चेंबर बनाया गया है जो गंगा जी से काफी दूर रहेंगे । शाम को गंगा आरती के बाद जो भी कार्यक्रम होंगे वो सांस्कृतिक होंगे।
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